नई दिल्ली: आईसीएआर के केंद्रीय कृषि वानिकी अनुसंधान संस्थान, झांसी के सहयोग से नई दिल्ली में ‘नीम शिखर सम्मेलन और वैश्विक नीम व्यापार मेले’ का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का आरंभ सचिव, डीएआरई और महानिदेशक, आईसीएआर डा. हिमांशु पाठक द्वारा व्यापार मेले के उद्घाटन के साथ हुआ. व्यापार मेले में देशविदेश की 22 कंपनियों ने भाग लिया और अपने उत्पाद प्रदर्शित किए.

इस के बाद सचिव, डीएआरई और महानिदेशक, आईसीएआर डा. हिमांशु पाठक ने अतिथियों डा. पीके सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं न्यायमूर्ति केटी तातेड़, अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग, महाराष्ट्र सरकार के साथ ‘नीम शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन किया.

इस संगोष्ठी में 10 विदेशियों सहित तकरीबन 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया. संगोष्ठी का विषय ‘टिकाऊ कृषि, स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए नीम‘ है. डब्ल्यूएनओ के अध्यक्ष डा. बीएन व्यास ने अतिथियों का स्वागत किया. डा. ए. अरुणाचलम ने कार्यक्रम की शुरुआत की और डा. राजबीर सिंह ने नीम पर शुरुआती भाषण दिया.

विशिष्ट अतिथियों ने मानव कल्याण में नीम के महत्व को रेखांकित किया. देश में नीमलेपित यूरिया और नीम आधारित स्वास्थ्य उत्पादों को बढ़ावा देने को प्राथमिकता दिए जाने के साथ ही नीम उगाना महत्वपूर्ण हो गया है और इस के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के मिशन की आवश्यकता है.

कुलमिला कर शिखर सम्मेलन के दौरान नीम को वृक्षारोपण वानिकी के विकल्प के रूप में चिह्नित किया गया, जो उद्योग की कच्चे माल की आवश्यकताएं पूरी करेगा. साथ ही, इस कार्यक्रम में कार्बन खेती के लिए भी नीम के पेड़ों की वकालत की गई.

इस 2 दिवसीय कार्यक्रम में समाज और उद्योग के लिए नीम अनुसंधान और विकास से संबंधित विभिन्न तकनीकी मामलों पर विचारविमर्श करने के लिए तकरीबन 7 तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया. इस दौरान स्मारिका, डब्ल्यूएनओ कलैंडर और ‘नीम फील्ड जीन बैंकः प्रोविजनिंग अपोरच्युनिटी फौर कंजर्वेशन एंड यूटिलाइजेशन‘ शीर्षक से तकनीकी बुलैटिन जारी किया गया, जिस के बाद डब्ल्यूएनओ वृत्तचित्र लौंच किया गया.

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