भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय एवं डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के सयुंक्त तत्वावधान में ‘नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग‘ विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन 12 जनवरी, 2024 को हुआ. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 21 प्रतिभागियों ने नवीकरणीय ऊर्जा की बहुआयामी उपादेयता के बारे में अपना उद्यमिता कौशल उन्नत किया.
डा. लोकेश गुप्ता ने बताया कि विश्वविद्यालय में विगत कई सालों से नवीकरणीय ऊर्जा पर अनुसंधान किया जा रहा है और विश्वविद्यालय ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, अपितु वैश्विक स्तर पर ख्याति पाई है.
राज्यपाल के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय द्वारा अंगीकृत गांव मदार के उच्च माध्यमिक विद्यालय में 500 किलोवाट की क्षमता का सौर वृक्ष विश्वविद्यालय के विषेशज्ञों द्वारा अथक और गहन अनुसंधान का बेहतर नतीजा है.
विश्वविद्यालय द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय योगदान को किसानों और उद्यमियों तक पहुंचाने के लिए डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय के सयुंक्त तत्वावधान में सौर ऊर्जा विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा पर तकनीकी कौशल का विकास करने के साथ ही किसानों और उद्यमियों की पारंपरिक कार्यप्रणाली को आगे बढ़ाना है. साथ ही, उद्यमिता विकास के लिए संपूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान की गई.
कौशल विकास कार्यक्रम की समन्वयक डा. निकिता वधावन ने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन एमपीयूएटी के पूर्व कुलपति डा. नरेंद्र सिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, जूनागढ़ के डीन डा. पीएम चैहान और कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, नर्मदा के डीन डा. संदीप सेंगर थे.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि भारत जैसे देश, जहां सौर ऊर्जा प्रचुरता से सुलभ है. सौर शुष्कक जैसा अभिनव और क्रांतिकारी उत्पाद कृषि और फूड प्रोसैसिंग की फिजां बदल सकता है, वहीं बायोडीजल अब भविष्य का ईंधन न हो कर वास्तविकता बन गया है. नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उद्यमिता की बहुत संभावनाएं हैं.
आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस आज जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पैठ बना रहा है. यदि आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस का समुचित उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में किया जाए, तो न्यूनतम निवेश से जीवनभर फायदा उठाया जा सकता है.
आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस आधारित नवीकरणीय ऊर्जा उत्पाद बहुत जल्दी वास्तविकता में बदलने वाले हैं और निश्चित तौर पर जीत उस की होगी, जो सब से पहले ऐसे उत्पाद उपलब्ध कराएगा. आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस आधारित नवीकरणीय ऊर्जा उत्पाद न केवल हमारी जीवनशैली बदलेंगे, बल्कि आमदनी का नया जरीया भी बनेंगे.