नई दिल्ली: 26 जनवरी, 2024. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर केंद्र सरकार के आमंत्रण पर विभिन्न राज्यों से देश की राजधानी दिल्ली आए डेढ़ हजार से ज्यादा किसान भाईबहनों ने गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में जोश व उमंग के साथ शिरकत की. इन में से कई किसान पहली बार राजधानी आए थे.
कर्तव्य पथ पर मुख्य समारोह में शामिल होने के बाद ये किसान पूसा परिसर में आए, जहां केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने इन का स्वागत किया. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चैधरी व शोभा करंदलाजे, डेयर के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक और वैज्ञानिक एवं तमाम अधिकारी उपस्थित थे.
पूसा में 2 दिवसीय किसान सम्मेलन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में नारी शक्ति को प्रधानता दी, जिस के लिए उन का हार्दिक धन्यवाद दिया. प्रधानमंत्री मोदी महिलाओं, युवाओं, किसानों व गरीबों के लिए लगातार काम कर रहे हैं और इन तबकों के लिए देश में विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं, साथ ही विकसित भारत बनाने में इन सब का अविस्मरणीय योगदान रहेगा.
उन्होंने कहा कि हमारे अन्नदाता, हमारे देश की शान हैं , जो किसी जातिवर्ग से बंधे हुए नहीं हैं, बल्कि समग्र रूप से देश का पेट भर रहे हैं और मुझे खुशी है कि ऐसे अन्नदाताओं के बीच काम करने का मौका मिल रहा है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि किसानों को इस भावना के साथ काम करना चाहिए कि हम किसी से कम नहीं, वहीं अपने लहलहाते खेतों व उर्वरा मिट्टी के माध्यम से विकसित भारत में अपना योगदान देना चाहिए. किसानों की नई पीढ़ी भी इस दिशा में आगे आए.
मंत्री अर्जुन मुंडा ने जानकारी दी कि देश में रिकौर्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ है, जिस का श्रेय किसानों को जाता है. साल 2013-14 में उत्पादन तकरीबन 265 मिलियन टन था, वहीं 2022-23 में बढ़ कर 329.69 मिलियन टन हो गया. बागबानी उत्पादन भी 351.92 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
मोदी सरकार ने किसानों के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई हैं, साथ ही किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी लाभ पहुंचाया गया है. विशेष रूप से बीते एक दशक में धान एमएसपी में 66.79 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि गेहूं एमएसपी 62.50 फीसदी बढ़ी है, जो किसानों के लिए अनुकूल व सुरक्षित वातावरण बनाती है. इसी तरह केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन-औयल पाम के जरीए खाद्य तेल की उपलब्धता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. इस का मकसद अतिरिक्त क्षेत्रों को औयल पाम की खेती में शामिल करना है.
उन्होंने बताया कि साल 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत से अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को हर साल 6 हजार रुपए की अतिरिक्त आय सहायता प्रदान करना भी एक गेमचेंजर साबित हुआ है. इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी कृषि मंत्रालय की प्रमुख पहल है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2016 में शुरू किया था.
किसान नामांकन के मामले में दुनिया की यह सब से बड़ी फसल बीमा योजना व बीमा प्रीमियम में तीसरे नंबर की यह योजना 22 राज्यों व संघ राज्य क्षेत्रों में लागू जा रही है, जिस में अन्य राज्य जुड़ रहे हैं. इस में किसानों के नामांकन में अत्यधिक वृद्धि के साथ साल 2023 में 2 करोड़ से अधिक का सर्वकालिक उच्च नामांकन हुआ है. बीमित क्षेत्र में भी साल 2022-23 में पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है, जो 497 लाख हेक्टेयर से अधिक के व्यापक कवरेज तक पहुंच गई है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना जैसी पहलों से किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है व खेतीकिसानी को बढ़ावा दिया जा रहा है. जैविक व प्राकृतिक खेती को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने जनांदोलन के रूप में प्राकृतिक खेती पर बल दिया है.
मंत्री अर्जुन मुंडा सम्मेलन के पहले और बाद में किसानों से अलगअलग समूहों के साथ फोटो सैशन में शामिल हुए और उन से अपनेअपने राज्यों में कृषि क्षेत्र से संबंधित चर्चाएं की. दिल्ली प्रवास के दौरान किसानों ने पूसा में प्रशिक्षण लिया.