जयपुर : 23 जनवरी,2024. कृषि मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि किसान मेला एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां किसान नवीनतम कृषि तकनीकी उपकरणों और योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं. वे कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर में आयोजित तीनदिवसीय किसान मेले के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि किसान मेलों से हमें अपनी खेती को बेहतर बनाने और उन्नति के मार्ग पर बढ़ने मे मदद मिलती है.
जैविक खेती की तरफ बढ़े किसान
खेती में कैमिकल छिड़काव के उपयोग को कम करने के लिए किसानों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर होना चाहिए. साथ ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्होंने समन्वित खेती प्रणाली को बढ़ावा देने की आवश्यकता जताई.
कृषि मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा ने विश्वविद्यालय द्वारा वर्षा जल संरक्षण हेतु किए जा रहे कामों की प्रशंसा करते हुए पूरे देश में अनुकरणीय बताया.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि जोबनेर विश्वविद्यालय ने कृषि क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों एवं नवाचारों के माध्यम से प्रदेश के कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
डा. किरोडी लाल मीणा ने किसानों को विश्वास दिलाया कि वे कृषि में विकास हेतु हर संभव प्रयास करेंगे. राजस्थान को इजराइल के समकक्ष मरू प्रदेश बताते हुए उन्होंने इजराइल की नव तकनीकी को अपनाने के लिए किसानों, वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों को इजराइल के किसानों के फार्म पर अवलोकन व प्रशिक्षण के लिए योजना बनाने का आह्वान किया.
कृषि मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा ने किसान मेले में कृषि प्रदर्शनियों का अवलोकन किया. उन्होंने सभी स्टाल के अवलोकन के दौरान वैज्ञानिकों, अधिकारियों और प्रदर्शनी आयोजकों से किसान के रूप में नवीन तकनीकी जानकारी प्राप्त की.
उन्होंने किसान मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसान मेला किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाने का काम करता है. विश्विद्यालय द्वारा तीनदिवसीय कृषि मेले का आयोजन करना एक अनूठी पहल है. इस मेले से किसानों को कृषि वैज्ञानिकों द्वारा कृषि से संबंधित महत्पूर्ण जानकारियां प्राप्त करने का मौका मिलता है.
कुलपति डा. बलराज सिंह ने विश्विद्यालय द्वारा कृषि अनुसंधान, प्रसार एवं शिक्षा के लिए किए जा रहे कामों की जानकारी देते हुए कृषि नवाचारों को किसानों तक त्वरित पहुंचाने के उद्देश्य से किसान मेले की उपयोगिता बताई.
कुलपति डा. बलराज सिंह ने कृषि मंत्री डा. किरोड़ी लाल मीणा को राजस्थान में कृषि के साथ उद्यानिकी में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए दुर्गापुरा में उद्यानिकी महाविद्यालय को शीघ्र विकसित करने का विश्वास दिलाया.
उन्होंने आगे यह भी बताया कि इस तीनदिवसीय किसान मेले में 15,000 से अधिक किसानों ने भागीदारी निभाई, जिस में बड़ी तादाद में महिला किसान भी शामिल हैं. इस के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालय के छात्रछात्राओं ने भी बढ़चढ़ कर भाग लिया और नवाचारों से रूबरू हुए. किसान मेले में तकरीबन सौ से अधिक कृषि प्रदर्शनियां लगाई गईं.
कार्यक्रम के दौरान प्रसार शिक्षा निदेशालय की फार्म टैक एशिया कृषि स्मारिका 2024 का विमोचन भी किया गया.