नई दिल्ली : 16 अगस्त, 2024. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने अपने एग्रोनौमी फील्ड में एक समारोह के साथ पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह का उद्घाटन किया. यह सप्ताह, जिस का उद्देश्य पार्थेनियम के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इसे खत्म करने के उपायों को बढ़ावा देना है. पूसा संस्थान ने इसे 16 से 22 अगस्त तक मनाया.

इस कार्यक्रम की शुरुआत सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति के साथ हुई, जिन में डा. अनुपमा सिंह, डीन एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा), डा. आरएन पड़रिया, संयुक्त निदेशक (प्रसार) और डा. पीएस ब्रह्मानंद, परियोजना निदेशक जल प्रोद्योगिकी केंद्र शामिल थे. इस कार्यक्रम में एनएसएस स्वयंसेवक, एग्रोनौमी के छात्र, संकाय सदस्य और आईएआरआई के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे.

अपने संबोधन में सस्य विज्ञान संभागाध्यक्ष डा. एसएस राठौर ने पार्थेनियम के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले गंभीर नकारात्मक प्रभावों पर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह आक्रामक खरपतवार जैव विविधता, कृषि और मानव स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करता है, जिस से इस के संपर्क में आने वाले लोगों में एलर्जी, त्वचा में जलन और सांस संबंधी समस्याएं होती हैं.

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खरपतवार वैज्ञानिक डा. टीके दास ने पार्थेनियम के प्रसार को रोकने के प्रभावी नियंत्रण और उपायों की जानकारी दी. उन्होंने इस खरपतवार को खत्म करने और इस के आगे के प्रसार को रोकने के लिए यांत्रिक व रासायनिक नियंत्रण और जैविक विधियों सहित एकीकृत खरपतवार प्रबंधन उपायों का सुझाव दिया.

पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह आईएआरआई के प्रयासों का हिस्सा है, जिस का उद्देश्य जनता और कृषि समुदाय को पार्थेनियम के खतरों के बारे में शिक्षित करना और इस के नियंत्रण के लिए समन्वित कार्यवाही के महत्व को बढ़ावा देना है. इस सप्ताह के दौरान जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं और फील्ड प्रदर्शन सहित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, ताकि इस महत्वपूर्ण कारण के लिए समुदाय को शामिल किया जा सके. उद्घाटन समारोह ने पार्थेनियम के प्रभाव को कम करने और एक स्वस्थ व सुरक्षित पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए आईएआरआई द्वारा शुरू की गई पहलों की एक सीरीज की शुरुआत की.

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