छतरपुर : वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 के अंतर्गत साइटिस प्रजातियों को अनुसूची- IV में जोड़ कर उन के रजिस्ट्रेशन, जन्ममृत्यु की जानकारी संधारण, स्वामित्व हस्तांतरण, व्यापार व अन्य संबंधित कार्यवाही के लिए भारत सरकार पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली के द्वारा 28 फरवरी को जीवित प्राणी प्रजातियां (रिपोर्टिंग और रजिस्ट्रीकरण) नियम 2024 के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है, जिस में उक्त कार्य हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वप्रा) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक मध्य प्रदेश को अधिकृत किया गया है.
अगर किसी के पास साइटिस जीवित प्राणी प्रजातियां हैं, तो उन को भारत सरकार के परिवेश 2.0 पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा कर ही उक्त जीवित प्राणी को आधिकारिक तौर से अपने पास रख सकते हैं.
यह पोर्टल आप को सुविधा देता है कि आप वैधानिक रूप से साइटिस जीवित प्राणी जैसे कि लवबर्ड्स, अफ्रीकन ग्रे पैरेट, सनकंयोर रेडफुट-टोरटाइज, ग्रीन इग्वाना, बाल पायथन, मकाउ, एम्परर स्कौपियन आदि साइटिस में शामिल जीवित प्राणी प्रजातियों की सूची लिंक https://checklist.cites.org/#/index-download से प्राप्त की जा सकती है.
परिवेश पोर्टल 2.0 पर प्रदाय की जाने वाली सुविधाएं जैसे कब्जे का रजिस्ट्रीकरण, जन्म की रिपोर्टिंग व रजिस्ट्रीकरण, स्थानांतरण (व्यापार) की रिपोर्टिंग व रजिस्ट्रीकरण, प्राणी प्रजातियों की मृत्यु की रिपोर्टिंग.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
परिवेश 2.0 पोर्टल https://parivesh.nic.in/ पर पंजीयन के लिए भारत सरकार द्वारा 6 माह (1 मार्च, 2024 से 31 अगस्त, 2024 तक) की सीमा निर्धारित है. इसलिए जीवित प्राणी के धारकों द्वारा उक्त समयसीमा में रजिस्ट्रीकरण कराना होगा व निर्धारित समयसीमा के उपरांत उक्त प्रजातियों को बिना रजिस्ट्रीकरण के रखना गैरकानूनी होगा.
इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए निकटतम वनमंडल कार्यालय, छतरपुर से संपर्क कर सकते हैं. स्टेट साइटिस सेल वन भवन, भोपाल से संपर्क कर सकते हैं.
मोबाइल नंबर 9424797059-60-61 व स्टेट साइटिस सेल वन भवन और भोपाल के ईमेल citesmp@gmail.com पर भी पत्राचार कर सकते हैं.
आम जनमानस को यह भी सूचित किया जाता है कि किसी भी साइटिस जीवित प्राणी, जिन का परिवेश 2.0 पोर्टल में रजिस्टर नहीं है, उन्हें न खरीदें. पेटशाप विक्रेताओं को भी यह निर्देशित किया जाता है कि वह बिना रजिस्टर्ड ऐसे जीवित प्राणी प्रजाति का विक्रय नहीं करेंगे और रजिस्ट्रीकरण के उपरांत ही परिवेश 2.0 पोर्टल के माध्यम से स्थानांतरण या विक्रय किया जाना सुनिश्चित करेगें.
उक्त नियम के उल्लंघन में केंद्र सरकार के द्वारा सजा का प्रावधान भी रखा गया है.