उदयपुर : कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि खाद्यान्न में तो हम संपन्न हैं, लेकिन दलहन, तिलहन और फलफूल उत्पादन के क्षेत्र में अभी बहुतकुछ करने की जरूरत है. दलहन, तिलहन में हम आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि निर्यातक बन सकें, इस के लिए भरसक प्रयास करने होंगे.
राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी चौधरी पिछले दिनों राजस्थान कृषि महाविद्यालय के नूतन सभागार में आयोजित पूर्व छात्र परिषद के 23वें राष्ट्रीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब तक किसान के घर में समृद्धि नहीं होगी, देश में खुशहाली नहीं आ सकती.
उन्होंने आगे कहा कि दलहन व तिलहन उत्पादन में कृषि विज्ञान केंद्र महती भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने आश्वस्त किया कि कृषि विश्वविद्यालय संज्ञान में लाए, तो दलहन व तिलहन, फल एवं फूल उत्पादन में बेहतरी के लिए भारत सरकार हर संभव मदद को तैयार है.
मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान देश की 145 करोड़ की आबादी को हमारे अन्नदाता किसान ने अविस्मरणीय संबल दिया. यही कारण रहा कि आज देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिल रहा है. किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री के सपने को मूर्त रूप देने के लिए देशभर के कृषि विज्ञान केंद्र किसानों के लिए जनजागृति का काम करे.
उन्होंने कहा कि खासकर उदयपुर संभाग जनजाति बहुल इलाका है, ऐसे में यहां के विधार्थियों को कृषि शिक्षा ले कर किसानों की आय बढ़ाने में मददगार बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज धरती को बचाने की आवश्यकता है. डीएपी यूरिया के अनियंत्रित प्रयोग और अंधाधुंध रसायनों के प्रयोग से धरती की सेहत काफी बिगड़ चुकी है. इस पर चिंतन के साथसाथ जनजागरण की जरूरत है. धरती स्वस्थ रहेगी, तो मनुष्य भी स्वस्थ रहेगा. पानी को भी बचाना होगा. उन्नत बीज उत्पादन के साथसाथ कम पानी से पैदावारी कृषि वैज्ञानिकों का मूल मंत्र होना चाहिए. पहले बाजरा फसल 120 दिन में तैयार होती थी, लेकिन वैज्ञानिकों ने उन्नत बीज तैयार किए तो अब 70 दिन में फसल पक रही है.
समारोह के विशिष्ट अतिथि सांसद मन्नालाल रावत ने देशभर से आए राजस्थान कृषि महाविद्यालय के पूर्व छात्रों को अनुभव का खजाना बताते हुए कहा कि वे कृषि से जुड़े सभी सैक्टर में अपने अनुभव साझा करें, ताकि 2047 में विकसित भारत के सपने को साकार रूप दिया जा सके.
कार्यक्रम के अति विशिष्ट अतिथि देवनारायण बोर्ड के चेयरमैन ओम बढाना व जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद सारस्वत ने भी विचार रखे. उन्होंने कहा कि खेती में लागत बढ़ने से किसान विचलित है.