उदयपुर :  मार्च, 2023. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं कृषि विभाग व कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) उदयपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में राज्य स्तरीय भव्य कृषि विज्ञान मेला-2023 का आयोजन किया गया. इस मेले में आईसीएआर के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) डा. आरसी अग्रवाल मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. अजीत कुमार कर्नाटक, कुलपति, एमपीयूएटी ने की. कार्यक्रम में कृषि एवं उद्यानिकी (फसल, फल, पुष्प, सब्जी एवं संरक्षित उत्पाद) प्रदर्शनी प्रतियोगिता एवं वैज्ञानिकों द्वारा कृषि की नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी गई.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईसीएआर के उपमहानिदेशक डा. आरसी अग्रवाल ने अपने अभिभाषण में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का विकास किसानों एवं खेती की उन्नति से ही संभव है. उन्होंने देश की कृषि को आकर्षक बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किए जा रहे नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि आईसीएआर द्वारा कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन, आर्टिफिशियल इंटैलिजैंस, रोबोटिक्स, ब्लौकचेन, मार्केटिंग, कृषि में ड्रोन के उपयोग इत्यादि को बढ़ावा दिया जा रहा है.

कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि वर्ष 2023 को भारत के प्रस्ताव पर अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है और देश ही नहीं, बल्कि विश्वभर में पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं परियोजनाएं चलाई जा रही हैं.

इस संबंध में एमपीयूएटी को कृषि विश्वविद्यालय संगठन की ओर से कार्ययोजना तैयार करने का विशेष कार्यभार दिया गया है. भारत में विभिन्न प्रकार के पोषक अनाज उत्पादित होते हैं, परंतु विशेषकर राजस्थान में सदियों से पोषक अनाज, जिस में ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कांगनी, मड़वा इत्यादि उगाए एवं खाए जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में इन से इन सभी फसलों के विशिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि पोषक अनाज को प्राकृतिक खेती से जोड़ कर जैविक उत्पाद प्राप्त किए जाएं तो लघु एवं सीमांत जोत वाले किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त हो सकता है.

कार्यक्रम के विशेष अतिथि निदेशक आत्मा, जयपुर डाक्टर सुवालाल जाट ने आत्मा परियोजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा पोषक अनाज को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला. किसान मेले के कार्यक्रम में 10 प्रगतिशील किसानों को चैक द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई.

इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एडीएम सिटी ओपी बुनकर, भूरालाल पाटीदार, अतिरिक्त निदेशक कृषि प्रसार, माधो सिंह चंपावत, संयुक्त निदेशक कृषि प्रसार, सुधीर वर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा एवं कृषि विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, एमपीयूएटी के वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे.

इस कार्यक्रम में विवेक कटारा, जिला परिषद सीईओ मनीष मयंक, प्रबंध मंडल के सदस्य डा. एसआर मालू, डा. आरसी तिवारी एवं राज्य सरकार के कृषि पुरस्कार से सम्मानित विष्णु पारीक भी उपस्थित थे. किसान मेले एवं संगोष्ठी में एमपीयूएटी के सेवा क्षेत्र के सभी जिलों में स्थित केवीके से जुड़े एवं उदयपुर संभाग के 2,000 से अधिक किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.

मेले के प्रमुख आकर्षण : मेले में किसानवैज्ञानिक संवाद, प्रश्नोत्तरी (वैज्ञानिकों अधिकारियों द्वारा प्रत्युत्तर), विभिन्न विभागों की प्रदर्शनियां, विश्वविद्यालय की विभिन्न इकाइयों की तकनीकियों एवं कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उन्नत सिंचाई एवं जल प्रबंधन तकनीकों का प्रदर्शन, प्राकृतिक खेती की प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण रहे.

प्रतियोगिता का आयोजन : कृषि मेला प्रांगण में 19 मार्च, 2023 को फसल फल, पुष्प, सब्जी एवं संरक्षित उत्पाद प्रदर्शनी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ और प्रथम एवं द्वितीय प्रविष्टियों को पुरस्कृत किया गया. गेहूं, जौ, सरसों एवं चना, अरंडी (जड़सहित पौधे, 3 गुच्छे) और गन्ना, मक्का, फलों में पपीता, अमरूद, संतरा, चीकू इत्यादि, गेंदा, हजारा, गुलाब इत्यादि, पुष्प और सब्जियों में टमाटर, बैगन, मिर्च, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, गाजर, मूली, खीरा, शिमला मिर्च, गांठगोभी, लौकी, पालक, धनिया और हलदी, अदरक, रतालू, अरबी, चुकंदर, सूरन, शकरकंद, शलजम, सेम फली, भिंडी की प्रविष्टियां आईं. पोषक अनाज में बाजरा, ज्वार, बटी, हामली, सांवा, कुरी, कांगणी, कोदो (कोदरा) इत्यादि अनाजों की प्रविष्टियां प्रदर्शित की गईं.

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