नई दिल्ली : जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने और उपभोक्‍ताओं को किफायती दर पर तूर और चना की उपलब्‍धता को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने एक आदेश जारी किया है, जिस के तहत थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रंखला के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों के लिए दालों पर स्टाक सीमा लागू की गई है. विनिर्दिष्ट खाद्य पदार्थों पर लाइसैंसिंग आवश्यकताओं, स्टाक सीमाओं और आवागमन प्रतिबंधों को हटाना (संशोधन) आदेश, 2024 को 21 जून, 2024 से तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है.

इस आदेश के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 30 सितंबर, 2024 तक काबुली चना सहित तूर और चना के लिए स्टाक सीमा निर्धारित की गई है. प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू स्टाक सीमा थोक विक्रेताओं के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन, प्रत्येक खुदरा दुकान पर 5 मीट्रिक टन और बड़ी श्रंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 मीट्रिक टन, मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम 3 महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 फीसदी, जो भी अधिक हो, होगी.

वहीं आयातकों के संबंध में आयातकों को सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टाक को अपने पास नहीं रखना है. संबंधित कानूनी संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टाक की स्थिति घोषित करनी है. अगर उन के पास मौजूद स्टाक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें इसे 12 जुलाई, 2024 तक निर्धारित स्टाक सीमा तक लाना होगा.

तूर और चना पर स्टाक सीमा लगाना सरकार द्वारा आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों का हिस्सा है. उपभोक्ता मामले विभाग स्टाक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से दालों की स्टाक स्थिति पर नजर रख रहा था.

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