उदयपुर, 5 अक्टूबर। महाराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सीटीएई, उदयपुर गर्व से विद्युत अभियांत्रिकी विभाग में अत्याधुनिक स्मार्ट क्लासरूम का उद्घाटन किया गया. मुख्य अतिथि डॉ. आर. सी. अग्रवाल उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा आईसीएआर) थे एवं अध्यक्षता माननीय डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक कुलपति (एमपीयूएटी)ने की. डॉ. कर्नाटक ने कहा की नए स्मार्ट क्लासरूम में उन्नत तकनीकी उपकरण और इंटरैक्टिव शिक्षण संसाधन शामिल हैं, जो एक समृद्ध और सहयोगी शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं.
स्मार्ट बोर्ड, उच्च-गुणवत्ता वाले प्रक्षिप्तक, सहयोगी कार्यस्थल, और एकीकृत ऑडियो-विजुअल सिस्टम जैसी सुविधाओं के साथ, ये क्लासरूम शिक्षण और अध्ययन के अनुभव को बढ़ाने का उद्देश्य रखते हैं. डॉ. आर. सी. अग्रवाल ने कहा कि “इन स्मार्ट क्लासरूम का उद्घाटन हमारे शैक्षणिक उत्कृष्टता की खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है”. हमें विश्वास है कि शिक्षा में ये तकनीकी निवेश हमारे छात्रों को अपने पूर्णतम क्षमता तक पहुंचने के लिए सशक्त करेगी.
अधिष्ठाता डॉ अनुपम भटनागर का कहना है कि यह पहल सीटीएई के व्यापक प्रयासों का एक हिस्सा है. डॉ. विक्रमादित्य दवे का कहना है कि “हम ऐसे स्मार्ट क्लासरूम लॉन्च करने के लिए उत्साहित हैं जो हमारे छात्रों को नवीनतम और सबसे प्रभावी सीखने के वातावरण प्रदान करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
हमारे पाठ्यक्रम में प्रौद्योगिकी के एकीकरण से न केवल शैक्षणिक अनुभव समृद्ध होगा, बल्कि यह हमारे छात्रों को आधुनिक कार्यबल की मांगों के लिए तैयार करेगा जिससे कॉलेज के पाठ्यक्रम को यूट्यूब पर प्रसार एवं पीडीएफ में नोट्स एवं गूगल क्लासरूम से कक्षायें संचालित हो सकेगी.” डॉ सुनील जोशी निदेशक प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग, निदेशक अनुसंधान अरविंद वर्मा, इलेक्ट्रिकल विभाग के सदस्य डॉ जयकुमार मेहरचंदानी, डॉ नवीन जैन, डॉ विनोद कुमार यादव भी उपस्थित थे.
मिलेट हट का उद्घाटन
विश्वविद्यालय के सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय में शनिवार को मिलेट हट का उद्घाटन डॉ राकेश चंद्र अग्रवाल, उप-महानिदेशक (कृषि शिक्षा), आईसीएआर, नई दिल्ली, द्वारा किया गया. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह कदम ग्रामीण और शहरी समुदायों में मिलेट्स की खेती और उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
इस अवसर पर कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि यह पहल स्थानीय और पारंपरिक खाद्य पदार्थों के पुनरुद्धार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है इसका उद्देश्य मिलेट्स (मोटे अनाज) के महत्व को प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य लाभ के लिए इसके उपयोग को बढ़ावा देना है. विश्वविद्यालय की अधिष्ठता, डॉ. धृति सोलंकी, ने बताया की मिलेट से आस पास के स्थानीय निवासियों एवं आस के ग्रामीण इलाकों के जनमान्य के लिए इसकी महत्ता एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध होगा.
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. हेमू राठौड़, डॉ सरला लखवात एवं डॉ कमला महाजनी ने अपने विचार व्यक्त डॉ रेणु मोगरा द्वारा मिलेट हट व मिलेट से बने उत्पादों की जानकारी दी गयी. इस उद्घाटन के दौरान मिलेट्स से बने विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई.