लखीमपुर खीरी : कृषि में नित नए नवाचारों के लिए जिले में अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रगतिशील गन्ना किसान अचल कुमार मिश्रा का आईएआरआई इनोवेटिव अवार्ड में चयन हुआ. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले "नवोन्मेषी किसान" सम्मान समारोह में 6 जून, 2024 को सम्मानित किया जाएगा. लखीमपुर खीरी जिले के बिजुवा ब्लौक के ग्राम मड़ईपुरवा में रहने वाले 41 साल के प्रगतिशील गन्ना किसान अचल कुमार मिश्रा कृषि में नवाचार को ले कर जिले में ही नहीं, बल्कि देशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है.

गन्ने के साथ करते हैं एकीकृत कृषि

अचल कुमार मिश्रा ने अपने खेतों के बीच बेहद खूबसूरत फार्म बना रखा है, जहां वे गन्ने की नर्सरी के साथ मधुमक्खीपालन, कड़कनाथ मुरगा, अजोला उत्पादन, वर्मी कंपोस्ट आदि भी बनाते हैं. अचल कुमार मिश्रा बताते हैं कि एकीकृत कृषि में लागत कम हो जाती है और उत्पादन बेहतर मिलता है.

वे आगे बताते हैं कि आज के समय में ज्यादा उत्पादन के लिए कई किसान मनमाने ढंग से रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने लगे हैं, जिस से खेती में लगात बढ़ती जाती है, इसीलिए किसान खेती को घाटे का सौदा बोलते हैं. लेकिन अगर मुरगी की खाद, वर्मी कंपोस्ट और अजोला आदि का कृषि में सही तरीके से देशी खाद बना कर प्रयोग किया जाए, तो न सिर्फ बाजार से कम उर्वरक खरीदनी होगी, बल्कि उत्पादन भी अच्छा होगा.

गन्ना किसान (Sugarcane Farmer)

अपनी खेती की सफलता को ले कर अचल कुमार मिश्रा बताते हैं कि गन्ना लंबी अवधि की फसल है, तो हम लोग क्या करते हैं, गन्ने के साथ सहफसली खेती करते हैं. जैसे, गन्ने के साथ लहसुन, सरसों, ब्रोकली आदि बीच में बो देते हैं, तो जब तक गन्ने की फसल तैयार होती है, तब तक दूसरी फसलें तैयार हो जाती हैं. इस से हमें सिर्फ गन्ने के उत्पादन का ही इंतजार नहीं करना पड़ता.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...