लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उन के सरकारी आवास पर राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 168वीं बैठक आयोजित की गई.
इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के हितों के संरक्षण के लिए विभिन्न दिशानिर्देश दिए गए.
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए किए जा रहे प्रयास सराहनीय है. मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में जहां 614 करोड़ रुपए की आय हुई थी, वहीं वर्ष 2022-23 में 1520.95 करोड़ रुपए की आय हुई है. वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 2 माह में अब तक 251.61 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहित हो चुका है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री, बागबानी फसलों के गुणवत्तापूर्ण रोपण एवं रोगमुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय किसानों की सुविधा के दृष्टिगत राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में ग्रामीण हाटपैठ और आधुनिक किसान मंडियों का निर्माण कराया है, क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाटपैठ और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए. इन का अच्छा मेंटीनेंस रखें. पटरी व्यवसायियों को यहां समायोजित किया जाना चाहिए. मंडियों में रोशनी की समुचित व्यवस्था हो, जलभराव की स्थिति न हो, किसानों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाए और कृषि फसल की सुरक्षा के अच्छे इंतजाम किए जाएं. शौचालय और पेयजल के पर्याप्त इंतजाम रखें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि यह सुखद है कि मंडी परिषद की सहायता से कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रावासों का निर्माण कराया जा रहा है. इन छात्रावासों का निर्माण कार्य गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हुए समयबद्ध ढंग से कराया जाए. कृषि मंत्री द्वारा इन निर्माणाधीन छात्रावासों का निरीक्षण किया जाए. विभिन्न जनपदों में कृषि उत्पादन मंडी परिषद की भूमि/भवन निष्प्रयोज्य हैं. इस भूमि/ भवन के व्यवस्थित इस्तेमाल के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए. इन के माध्यम से परिषद अपनी आय का एक नवीन विकल्प भी सृजित कर सकता है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं. प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भी योजनाबद्ध रीति से काम किया जा रहा है. किसानों को उन की उपज की वाजिब कीमत मिले, उत्पाद की ब्रांडिंग हो, सही बाजार मिले, इस के लिए राजधानी लखनऊ में ‘एग्री मौल’ स्थापित किया जा रहा है. इस बारे में कार्यवाही तेजी से आगे बढाएं. एग्री मौल में किसान सीधे अपने फलसब्जियों की बिक्री कर सकेंगे. मंडी परिषद द्वारा नवी मुंबई में निर्यात प्रोत्साहन के लिए वर्ष 2006 में स्थापित किए गए औफिस ब्लौक को और उपयोगी बनाने के लिए इसे एमएसएमई विभाग से जोड़ा जाना चाहिए.
इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल के सदस्यगण उपस्थित थे.