नई दिल्ली : दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सरकार ने वर्ष 2023-24 की मूल्य समर्थन योजना यानी पीएसएस के तहत अरहर यानी तुअर, उड़द और मसूर पर लगी 40 फीसदी की खरीद सीमा को हटा दिया है.
सरकार के इस फैसले से बिना किसी सीमा के किसानों से एमएसपी पर इन दालों की खरीद की जा सकती है. सरकार द्वारा लाभकारी कीमतों पर इन दालों की सुनिश्चित खरीद से किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए आगामी खरीफ और रबी बोआई के मौसम में अरहर, उड़द और मसूर के बोआई क्षेत्र को बढ़ाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी.
सरकार ने 2 जून, 2023 को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 को लागू करते हुए अरहर और उड़द पर स्टाक सीमा लगा दी थी, ताकि जमाखोरी और अनैतिक व्यापार गतिविधियों को रोका जा सके और इस तरह उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके.
यह स्टाक सीमा थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों (चक्की वालों) और आयातकों के लिए लागू की गई है. इन सब के के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर अपने स्टाक की स्थिति घोषित करना भी अनिवार्य कर दिया गया है.
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने अरहर और उड़द पर लगाई गई स्टाक सीमा पर अगली कार्यवाही के तहत राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपनेअपने राज्यों में इस सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें. इस के लिए राज्यों को विभिन्न गोदाम संचालकों के साथ सत्यापन कर के कीमतों और स्टाक की स्थिति की निगरानी करने के लिए भी कहा गया है. इस के साथसाथ विभाग ने सेंट्रल वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (सीडब्ल्यूसी) और स्टेट वेयरहाउसिंग कारपोरेशन (एसडब्ल्यूसी) को भी उन के गोदामों में रखी अरहर और उड़द से संबंधित विवरण उपलब्ध कराने को कहा है.