नई दिल्ली: केंद्रीय रसायन और उर्वरक, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने देश में उर्वरकों के इस्तेमाल व उन की उपलब्धता पर राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ बातचीत की. बैठक के दौरान उन्होंने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और वैकल्पिक उर्वरकों को मैदानी स्तर पर प्रोत्साहन देने की प्रगति और इस सिलसिले में राज्यों द्वारा की गई पहलों का जायजा लिया.
बातचीत की शुरुआत में ही डा. मनसुख मांडविया ने सभी राज्यों को सूचित कर दिया था कि देश में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है. इस समय 150 लाख मीट्रिक टन उर्वरक मौजूद है. यह भंडारण न सिर्फ मौजूदा खरीफ मौसम में काम आएगा, बल्कि आने वाले रबी मौसम में भी उस की उपलब्धता सुनिश्चित रहेगी.
रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल को कम करने की जरूरत
डा. मनसुख मांडविया ने मिट्टी की उर्वरता को बचाने के लिए रासायनिक उर्वरकों के ज्यादा इस्तेमाल को कम करने की जरूरत को उजागर किया.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने पीएम प्रणाम योजना के रूप में इस दिशा में पहले ही कदम उठा लिए हैं. इन प्रयासों में धीरेधीरे घुलने वाली सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड), नैनो यूरिया, नैनो डीएपी आदि के इस्तेमाल को भी शुरू किया जाना शामिल है. राज्य सरकारों ने भी इस संकल्प में सक्रिय भागीदारी करने की इच्छा व्यक्त की.
किसानों की सभी जरूरतों को एक ही स्थान पर पूरा करने के लिए ‘वन स्टौप शौप’
देशभर में पीएमकेएसके पहल पर चर्चा की गई, जो किसानों की सभी जरूरतों को एक ही स्थान पर पूरा करने के लिये ‘वन स्टौप शौप’ के रूप में काम करेगी.
उन्होंने राज्यों के कृषि मंत्रियों और राज्य सरकारों के अफसरों का आह्वान किया कि वे नियमित रूप से इन पीएमकेएसके का दौरा करें और किसानों को जागरूक करें.
गड़बड़ी करने वाली यूरिया संयंत्रों के खिलाफ एफआईआर
डा. मनसुख मांडविया ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों का आग्रहपूर्वक आह्वान किया कि खेती के लिए उपयोगी यूरिया गैरकृषि कामों में इस्तेमाल न होने दें.
उन्होंने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों से कहा कि इस सिलसिले में जागरूकता अभियान चलाएं, ताकि कृषि यूरिया को अन्यत्र स्थानांतरित करने की संभावना कम की जा सके और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए.
याद रहे कि इस मामले में केंद्र सरकार के उर्वरक उड़न दस्ते और विभिन्न कृषि विभागों, राज्य सरकारों ने संयुक्त निरीक्षण किया था और गड़बड़ी करने वाली यूरिया संयंत्रों के खिलाफ 45 एफआईआर की गई थीं. इस के अलावा 32 मिक्सचर संयंत्रों के लाइसेंस रद्द किए गए और 79 मिक्सचर संयंत्रों से उर्वरक के सारे अधिकार छीन लिए गए. इन सब के खिलाफ चोरबाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की गई. राज्य सरकारों ने भी ऐसे अपराधियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार की नरमी न बरती जाने की वकालत की.
बैठक में केंद्र और राज्यों ने एक स्वर में कहा कि वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने और रासायनिक उर्वरकों की ज्यादा खपत को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं.
हाल ही में जारी पीएम प्रणाम, यूरिया गोल्ड, नैनो यूरिया, नैनो डीएपी जैसी पहलों का राज्यों ने स्वागत किया. सभी ने किसान समुदाय के वृहद हितों को मद्देनजर रखते हुए इस मामले में अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए समान संकल्प व्यक्त किया.
बैठक में विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्रियों, राज्य सरकारों के अफसरों और उर्वरक विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.