Water Productivity| पानी की कमी को ले कर बीते 3 मार्च, 2025 को महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के अनुसंधान निदेशालय द्वारा संचालित अखिल भारतीय समन्वित सिंचाई जल प्रबंधन अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत कृषि अनुसंधान उपकेंद्र, वल्लभनगर पर खेती में पानी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए 2 दिवसीय किसान प्रशिक्षण का शुभारंभ केंद्र के प्रभारी अधिकारी एवं परियोजना अधिकारी प्रोफैसर केके यादव ने किया.

प्रोफैसर केके यादव ने ‘फव्वारा पद्वति से सिंचाई’ विषय पर किसानों को सिंचाई जल की बचत करते हुए फसलों की पैदावर बढ़ाने के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी. कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के उद्यानिकी प्रोफैसर श्रीधर सिंह लखावत ने ‘फलदार पौधों में ड्रिप पद्यति से सिंचाई’ विषय पर किसानों को जानकारी दी एवं गरमी के मौसम में फलदार पौधो में सिंचाई जल की आवश्यकता एवं उन के रखरखाव पर प्रकाश डाला.

प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर के तकनीकी सहायक दामिनी आर्य ने सिंचाई जल की प्रयोगशाला जांच करवाने पर अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम के अंत में केंद्र के फार्म मैनेजर धनपाल कोठारी, मनीश उज्ज्वल, सेवानिवृत्त कृषि अधिकारी नाथुलाल कुम्हार ने भी सिंचाई जल प्रबंधन पर अपने विचार रखे.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...