बीएयू , सबौर ने 5 दिसंबर 2024 को विश्व मृदा दिवस 2024 बड़े जोश के साथ मनाया. इस वर्ष का विषय, ‘ मिट्टी का खयाल: मापें, निगरानी करें, प्रबंधित करें’ , स्थायी प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देने, वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और पर्यावरणीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए सटीक मृदा डेटा की आवश्यकता को रेखांकित करता है.
इस अवसर पर, बीएयू सबौर के कुलपति, डा. डी. आर. सिंह ने अपने संदेश में आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्त्व पर जोर दिया. उन्होंने मृदा संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की जागरूकता पहलों के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डाला.
भागलपुर के छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में मृदा स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए उत्साहपूर्वक भाग लिया. इस अवसर पर भारतीय मृदा विज्ञान सोसाइटी, सबौर चैप्टर द्वारा ई-न्यूजलैटर के चौथे अंक का विमोचन भी किया गया.
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रोफैसर गौतम कुमार घोष (विश्वभारती, श्रीनिकेतन, पश्चिम बंगाल) का आमंत्रित व्याख्यान था. उन के विचार “समेकित पोषक प्रबंधन (INM)” के माध्यम से फसल उत्पादकता और पर्यावरणीय स्थिरता के बीच संतुलन बनाए रखने की रणनीतियों पर केंद्रित थे.
छात्रकेंद्रित गतिविधियों, जैसे “KNOW YOUR SOIL” क्विज़ और जस्ट-ए-मिनट (JAM) प्रतियोगिता ने प्रतिभागियों की भागीदारी और मृदा संरक्षण की गहरी समझ को प्रोत्साहित किया. विजेताओं को भारतीय मृदा संरक्षण सोसाइटी, सबौर चैप्टर द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए.
हाथोंहाथ सीखने के अनुभव को जोड़ते हुए, मृदा परीक्षण किट पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिस में स्कूल के छात्रों को मृदा स्वास्थ्य मूल्यांकन की व्यावहारिक जानकारी दी गई. पूरे दिन, पीजी लैब-1 के पास पौधारोपण क्षेत्र में मृदा संरक्षण के तरीकों को प्रदर्शित करने वाले शैक्षिक पोस्टर प्रदर्शित किए गए.
विभागाध्यक्ष डा. अंशुमान कोहली ने भी भविष्य में इस तरह के आयोजन के लिए संकाय सदस्यों और छात्रों को प्रोत्साहित किया. नवोदय विद्यालय, नगरपारा, भागलपुर के 100 छात्रों और विभाग के 60 स्नातकोत्तर छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया.
कार्यक्रम का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि मिट्टी के सेहत को बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, जो स्थायी कृषि और पर्यावरणीय स्थिरता को प्राप्त करने में इस की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है.