झाबुआ : मध्य प्रदेश राज्य शासन द्वारा दिए गए दिशानिर्देशानुसार जिले में फसलों की गिरदावरी यानी किसान ने अपने खेत के कितने रकबे में कौन सी फसल बोई है. यह जानकारी पटवारी द्वारा शासन के दस्तावेज में दर्ज कराई जाती है. इसे गिरदावरी कहते हैं. अब तक यह काम हाथ से कागजों पर किया जाता था. अब इस के लिए युवाओं को भी जोड़ा जाएगा. इच्छुक युवाओं से 10 जुलाई तक औनलाइन आवेदन मांगे गए हैं.

अपर कलक्टर एसएस मुजाल्दा ने बताया कि फसलों की मध्य प्रदेश भू-अभिलेख नियमावली के अनुसार, फसल गिरदावरी काम साल में 3 बार (खरीफ/रबी/जायद मौसम) में सारा एप के माध्यम से की जाती है, जिस का उपयोग उपार्जन, फसल बीमा आदि योजनाओं में सतत रूप से किया जाता है.

फसल गिरदावरी के काम में पारदर्शिता लाने के लिए भारत सरकार द्वारा डिजिटल क्राप सर्वे का काम शुरू किया गया है. यह प्रत्येक मौसम के लिए लगभग 45 दिन की कार्रवाई होती है, जिस में जिओ फेंस (पार्सल लेवल) तकनीक के माध्यम से खेत में बोई गई फसल का फोटो खींच कर फसल सर्वे का काम नियत अंतराल में पूरा किया जाएगा.

इस योजना में मौसम खरीफ डिजिटल क्राप सर्वे के लिए सर्वेयर पंजीयन 10 जुलाई, 2024 तक किए जाएं. उक्त काम के लिए गांव के स्थानीय युवा व निकटतम ग्राम पंचायत के निवासी, जिन की उम्र 18 साल से 40 साल के मध्य हो, भू-अभिलेख के पोर्टल पर पंजीयन के लिए पात्र हैं. वे पंजीयन करवाएं. इस में आधार ओटीपी से पंजीकरण भू-लेख पोर्टल के माध्यम से होगा. पटवारी द्वारा ग्राम आवंटन किया जाएगा. अधिक जानकारी राजस्व कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है.

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