बातचीत  – डा. आशुतोष कुमार मिश्र, संयुक्त कृषि निदेशक ब्यूरो,  उत्तर प्रदेश

खेती में अच्छी पैदावार के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक व मिट्टी में पोषक तत्वों की आवश्यक मात्रा का होना जरूरी है. अगर बीज अच्छा नहीं है, तो उस का सीधा असर अनाज के उत्पादन पर पडता है.

चूंकि खरीफ का सीजन मुख्यतौर पर धान की खेती का होता है, इसलिए किसानों को धान के अच्छे बीज व उस के चयन को ले कर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. अकसर किसानों की यह शिकायत होती है कि दुकानदार ने बीज बेचते समय जो खासियत बताई थी, वह सही नहीं निकली. इस स्थिति में किसान उस दुकानदार के खिलाफ कोई शिकायत नहीं कर पाता है और धान बीज की गुणवत्ता में कमी की वजह से नुकसान उठाने के बावजूद चुप बैठ जाता है. इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि किसान यह तय कर ले कि धान बीज कैसा हो और खरीदारी कहां से की जाए.

किसानों द्वारा धान बीज की खरीदारी को ले कर बरती जाने वाली जरूरी सावधानियों को ले कर संयुक्त कृषि निदेशक ब्यूरो, उत्तर प्रदेश, आशुतोष कुमार मिश्र से लंबी बातचीत हुई. पेश हैं, उसी बातचीत के खास अंश :

सवाल : धान बीज खरीदने के लिए किसानों को किन जरूरी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत होती है?

जवाब : किसान धान बीज खरीदने से पहले यह तय कर लें कि वह जो बीज ले रहे है, उस के पैकेट पर शुद्धता व प्रमाणिकता की मुहर लगी है कि नहीं. इस के अलावा बीज टूटाफूटा नहीं होना चाहिए. बीज खरीदने से पहले किसान यह तय कर ले कि पैक पर उत्पादन तिथि व उस की अंकुरण क्षमता दर्ज हो.

सवाल : किसान द्वारा धान बीज कहां से खरीदा जाना सही होता है?

जवाब : किसान की सुविधा के लिए गांव के नजदीक ही सरकारी बीज विक्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं. साथ ही, ब्लौक लेवल पर कृषि बीज गोदाम स्थापित किए गए हैं. साधन सहकारी समितियां इफको, पीसीएफ, कृभको, एग्रो, बीज निगम जैसी संस्थाओं के बीज विक्रय केंद्रों द्वारा बीज खरीदा जाना उपयुक्त होता है.

सवाल : सरकारी बीज विक्रय केंद्रों पर धान बीज खरीदने के क्या फायदे हैं?

जवाब : किसानों द्वारा सरकारी क्रय केंद्रों से बीज खरीदे जाने से उन्हें सरकार द्वारा बीजों पर सरकारी अनुदान के तहत छूट मिलती है. इस के अलावा सरकारी बीज विक्रय केंद्र द्वारा किसानों को बीज खरीदे जाने के उपरांत रसीद दी जाती है, जिस से धान बीज की गुणवत्ता व अंकुरण में कमी आने पर किसान विभाग के जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारियों के पास क्लेम कर सकता है.

सवाल : क्या सरकारी बीज गोदामों पर किसानों को मिलने वाले सभी प्रजातियों के धान बीज की खरीदारी करने पर छूट मिलती है?

जवाब : नहीं. 15 वर्ष से ऊपर की पुरानी प्रजातियों पर राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कोई अनुदान देय नहीं है, क्योंकि इन प्रजातियों के पुराने होने से उत्पादन कम होता है. इस में प्रमुख रूप से सरजू 52, नरेंद्र 359, सांभा मंसूरी व सोना मंसूरी है.

सवाल : सरकारी बीज क्रय केंद्रों से मिलने वाले धान की किन प्रजातियों पर अनुदान उपलब्ध है?

जवाब : सरकारी बीज क्रय केंद्रों खरीदने पर 10 वर्ष के भीतर ईजाद की गई धान की नई प्रजातियों पर अनुदान देय है, जिस में हाईब्रिड व प्रमाणित बीज शामिल हैं.

सवाल : सरकारी बीज गोदामों के अलावा और किन बीज क्रय केंद्रों से अनुदान वाले बीज प्राप्त किए जा सकते हैं?

जवाब : सरकारी बीज गोदामों के अलावा किसान इफको, कृभको, पीसीएफ, बीज निगम व एग्रो द्वारा संचालित दुकानों से अनुदान वाले बीज खरीद सकते हैं. इन संस्थाओं को सरकारी अनुदान वाले बीज विक्रय करने वाले बीज मुहैया कराती है.

सवाल : अकसर अनुदान वाले बीज किसानों को नहीं मिल पाते हैं? ऐसी हालत में किसान क्या करे?

जवाब : कृषि विभाग की पूरी कोशिश रहती है कि किसानों को उन की मांग के अनुरूप धान बीज उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन कभीकभी मांग की अपेक्षा बीज नहीं उपलब्ध हो पाता है. इस अवस्था में किसान कृषि विभाग द्वारा जारी लाइसैंसशुदा कृषि बीज भंडारों से धान बीज खरीद सकते हैं.

सवाल : किसान प्राइवेट दुकानों से बीज क्रय करने से पहले कैसे यह जानकारी प्राप्त करे कि दुकान लाइसैंसशुदा है या नहीं?

जवाब : बिलकुल सही सवाल किया आप ने. किसानों को प्राइवेट दुकानों से धान बीज क्रय करने से पहले यह तय कर लेना चाहिए कि वह जिस दुकान से बीज क्रय कर रहा है, वह लाइसैंसशुदा है या नहीं. इस के लिए जिला कृषि अधिकारी से या फोन द्वारा जानकारी प्राप्त कर सकता है.

सवाल : किसानों की अकसर यह शिकायत रहती है कि प्राइवेट दुकानों द्वारा नकली धान बीज बेच दिया गया है. इस अवस्था में किसान क्या कदम उठाए?

जवाब : हां, अकसर बीज विक्रय करने वाले दुकानदार नकली बीज बेचते हैं. इस तरह का वाकिआ मेरे संज्ञान में भी आ चुका है. इस अवस्था में किसानों को चाहिए कि वह जिस प्राइवेट दुकान से धान बीज क्रय कर रहा है, उस से पक्की रसीद जरूर बनवाए. साथ ही, पैकेट के ऊपर लगाए गए टैग व खाली पैक को भी सुरक्षित रखे. अगर बोआई के बाद तो किसान उस रसीद, खाली पैकेट व टैग के साथ कृषि विभाग के जिला कृषि अधिकारी, उपनिदेशक कृषि, सुयक्त निदेशक कृषि, या जिलाधिकारी के पास शिकायत कर सकता है. इस अवस्था में प्राइवेट बीज विक्रेता द्वारा नकली बीज बेचने की पुष्टि होने के बाद जरूरी कानूनी कार्यवाही करने के साथ उन्हें जेल भेजने का प्रावधान है.

सवाल : किसानों को धान बीज क्रय करने से पहले सब से जरूरी ध्यान देने वाली बात क्या है?

जवाब : किसानों को चाहिए कि बीज क्रय करने के पहले उन्नतशील नई प्रजातियों व समयसमय पर आने वाले तकनीकी बदलाव की जानकारी प्राप्त करें, जिस से धान की फसल से अधिक उत्पादन लिया जा सके और जहां तक संभव हो, धान बीज सरकारी बीज विक्रय केंद्रों या मान्यताप्राप्त संस्थाओं से ही खरीदें.

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