एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी औफ इंडिया लिमिटेड एक फसल बीमा कंपनी है जिस का गठन भारत सरकार द्वारा 20 दिसंबर, 2002 को खास फसल बीमा कंपनी के तौर पर किया था. लेकिन कारोबार की शुरुआत साल 2003 में हुई.

सरकारी स्वामित्व वाली कृषि बीमा कंपनी का मुख्य कार्यालय  नई दिल्ली में है. यह भारत के लगभग 500 जिलों में उपज आधारित और मौसम आधारित फसल बीमा प्रदान करता है. इस में लगभग 20 मिलियन किसान शामिल हैं, जो इस की विश्वनीयता के प्रतीक हैं.

यह बीमा कंपनी प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के चलते फसल खराब होने की दशा में किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता प्रदान करती है खासकर प्राकृतिक आपदा जैसे फसल में आग लगाना, बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, तूफान, सूखा, तैयार फसल में  कीट/बीमारी के प्रकोप से फसल ख़राब हो जाना आदि के कारण उपज में हुए नुकसान के लिए किसानों को भरपाई करती है.

डबल्यूबीसीआईएस फौर कार्डम (WBCIS Four Cardam)

स्पाइसेस बोर्ड, भारत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी औफ इंडिया लिमिटेड के माध्यम से केरल में इलायची के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू कर रहा है.

इस योजना का उद्देश्य इलायची उत्पादकों को प्रतिकूल मौसम की घटनाओं के मामले में बीमा सुरक्षा प्रदान करना है, जो अधिसूचित संदर्भ मौसम स्टेशनों (आरडब्ल्यूएस) में दर्ज मौसम के आंकड़ों के अनुसार इलायची की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली मानी जाती हैं.

यह योजना विशेष रूप से अधिसूचित स्थानीय आपदाओं से किसानों को योजना के प्रावधानों के अनुसार सर्वेक्षण के माध्यम से व्यक्तिगत आधार पर क्षतिपूर्ति प्रदान करती है.

लघु फसल कवच

यह उत्पाद खराब मौसम स्थिति से संबंधित फसल की उपज में होने वाले हानि को कवर करता है. उत्पाद के तहत प्रदान किए जाने वाले कवर मौसम के मापदंडों पर आधारित होते हैं, जिस में से एक या कवर के संयोजन को चुना जा सकता है.

मौसम पैरामीटर्स वर्षा पर आधारित, तापमान, आर्द्रता, धूप की कमी, ठंड की आवश्यकता, तेज हवा की गति कीट, रोग अनुकूल जलवायु इन पर कवर होते हैं. उत्पाद एकल या इन मापदंडों के संयोजन के आधार पर कवर प्रदान करेगा.

कोंसेक्वेंटल क्रॉप लौस.

यह नवोन्मेषी उत्पाद सूचकांक पर आधारित फसल उत्पादन उपज में होने वाली विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों (अर्थात कोंसेक्वेंटल हानि) में अप्रत्यक्ष वित्तीय नुकसान के मामले में बीमाधारक की भरपाई करेगा, जो सूचकांकों के प्रौक्सी संकेतकों और या बीमित फसलों के लिए व्यक्तिगत नुकसान मूल्यांकन के माध्यम से अनुमानित है.

प्रौक्सी संकेतक के रूप में मौसम सूचकांक उपयोग किया जाता है, जो संदर्भ मौसम स्टेशनों के मौसम मापदंडों पर आधारित होते हैं.

संपूर्ण ऋतु कवच

विपरीत मौसम के कारण फसल की उपज या उत्पादन में नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. यह बीमा उत्पाद एक निश्चित समयसीमा में होने वाले फसल के नुकसान की संभावना के मामले में पौलिसीधारक को मुआवजा प्रदान करेगा.

इस उत्पाद में शामिल किए गए मौसम पैरामीटर में वर्षा, तापमान, नमी, धूप, चिलिंग आवश्यकता, तेज हवा, कीट रोग अनुकूल जलवायु उत्पाद एकल या इन मापदंडों के संयोजन के आधार पर कवर प्रदान करेगा.

संपूर्ण फसल कवच

यह संपूर्ण फसल कवच चयनित फसलों की खेती में लगे किसानों, उत्पादक संगठनों सहित निगमित या सादृश्य समूह पर लागू होती है, जिन की उपज या पैदावार उल्लिखित पैरामीट्रिक और उपग्रह आधारित सूचकांकों द्वारा इंगित कारकों से कम होने की संभावना है.

यह उत्पाद उन सभी फसलों के लिए मान्य नहीं होगा जो मुख्यधारा की सरकारी योजनाओं के अंतर्गत भारत के किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में फसल उगाने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के साथ शामिल नहीं है.

सरल कृषि बीमा योजना

एक अनूठा और व्यापक पैरामीट्रिक बीमा उत्पाद ,जो खतरों के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान की भरपाई करता है. इस योजना के तहत कृषि और सम्बंधित क्षेत्र की सभी गतिविधियाँ जैसे पशुपालन, मधुमक्खी पालन , वर्मीकल्चर, वनिगी, कृषि यंत्रीकरण आदि या कृषि के अंतर्गत आने वाली गतिविधियाँ शामिल हैं.पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना

संपूर्ण भवांतर कवच

इस योजना के तहत पॉलिसीधारक को बाजार की कीमतों में उत्पाद में अधिक गिरावट के लिए सुरक्षा देता है. अर्थात उत्पाद की कीमत उस समय तय कीमत से कम हो जाता है तो बीमाधारक को तय समर्थन मूल्य पर सहायता दी जाती है. मूल लाभ अनेक मापदंडों पर तभी निर्भर करेगा जब पॉलिसीधारक एआईसी द्वारा पारस्परिक रूप से तय मापदंड तय किए गए हों.इन मापदंडों में बीमित फसल के संबंध में न्यूनतम समर्थन मूल्य , निकास मूल्य , क्षतिपूर्ति स्तर , उपज और बीमित क्षेत्र शामिल हैं.

पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना

पुनर्गठित मौसम आधारित फसल योजना (आरडबल्यूबीसीआईएस) का उद्देश्य है कि वर्षा, तापमान, हवा, आर्द्रता आदि से संबंधित खराब मौसम की स्थिति से होने वाले अनुमानित फसल नुकसान के कारण वित्तीय हानि की संभावना के मामले में बीमित किसानों के समस्याओं का समाधान करना है.

आरडबल्यूबीसी मौसम पैरामीटर के रूप में फसल की पैदावार के लिए ‘प्रौक्सी’ किसानों को फसल के नुकसान की भरपाई के लिए भुगतान ढांचों को उस सीमा तक विकसित किया जाता है, जिसे मौसम ट्रिगर्स का उपयोग करते हुए क्षति के रूप में माना जाता है.

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) की शुरुआत खरीफ 2016 से की गई थी, जिस का उद्देश्य कृषि में उत्पादन को बढ़ावा देना तथा किसानों के मामली में फसलों के लिए व्यापक जोखिम कवर सुनिश्चित प्रदान करना और पूर्व में जुताई से ले कर बोआई के स्तर पर सभी गैरनिवारक प्राकृतिक जोखिमों के लिए व्यापक जोखिम कवर प्रदान करना.

यह योजना 12 फसल मौसमों में पूरी की गई है तथा इसे राज्यों/संघों (यूटी) क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है.

 संपूर्ण पशुधन कवच

एक व्यापक क्षतिपूर्ति आधारित पशुधन बीमा पौलिसी दुधारू गायों की तरह विभिन्न नस्लों और पशुधन आबादी की विविधता, दुधारू भैंस, बछड़े/बछिया, स्टड बुल्स, बुललोक्स (कैस्ट्राटेड बैल)/कास्टेड नर भैंस, सूअर, ऊंट, भेड़ और बकरी, घोड़ा/टट्टू/खच्चर/गधा/याक/और कुक्कुट अन्य को कवर करती है.

एआईसी की उपलब्धियां

साल 2002 में कृषि बीमा कंपनी के रूप में स्थापना हुई और साल 2003 में व्यवसाय संचालन की शुरुआत हुई.

साल 2007 में मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू करने वाली पहली कंपनी बनी.

साल 2010 में कार्यान्वित पायलट संशोधित एनएआईएस की शुरुआत.

साल 2013 में कार्यान्वित राष्ट्रीय फसल बीमा कार्यक्रम की शुरुआत.

साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा की शुरुआत.

साल 2020 में पुनर्निमित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना तकनीक आधारित बीएसबीएस की शुरुआत.

साल 2022 में संबद्ध लाइनों को लाइसैंस देने का काम.

अधिक जानकारी एग्रीकल्चर इंश्योरैंस कंपनी औफ इंडिया लिमिटेड के टोल फ्री नं. 1800116515 पर फोन के ली जा सकती है.

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