करनाल : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल, हरियाणा में वैज्ञानिकों, गन्ना किसानों एवं लखपति दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में भाग लिया. उन्होंने कहा कि हम सब एक परिवार हैं. आप सब से मिल कर मैं प्रसन्न हूं. मैं ने भी फलों, फूलों, औषधि की खेती व डेयरी की है. कुछ हम आप से सीखेंगे और कुछ आप को सिखाएंगे.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बचपन की बातें साझा करते हुए कहा कि मुझे लगा कि जब तक बेटियों को बोझ मानने की मानसिकता रहेगी, तब तक दुनिया बेटियों को पैदा नहीं होने देगी, इसलिए भेदभाव खत्म करना चाहिए.
महिलाओं के लिए योजनाएं
उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री बनते ही महिलाओं के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई थी. 50 लाख से ज़्यादा लाड़ली लक्ष्मी बेटियां आज मध्य प्रदेश में हैं. महिलाओं का आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक सशक्तीकरण बहुत आवश्यक है. मध्य प्रदेश पहला राज्य था, जिस ने महिलाओं को स्थानीय निकाय के चुनावों में 50 फीसदी आरक्षण दिया था. उस के बाद कन्या विवाह योजना जैसी कई योजनाएं शुरू कीं.
उन्होंने आगे कहा कि महिला सशक्तीकरण मेरी जिंदगी का मिशन है और किसानों की आय के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. आज भी कृषि जीडीपी में महज 18 फीसदी का योगदान देती है और 50 फीसदी से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है.
कृषि योजनाओं और कृषि विविधीकरण से बढ़ेगी किसानों की आय
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प किसानों की आय बढ़ाना है. कृषि के लिए हमारी 6 योजनाएं हैं. हमें उत्पादन बढ़ाना है. इस के लिए अच्छे बीज का होना आवश्यक है. साल 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 109 बीजों की वैरायटी भी आईसीएआर के कैंपस में लोकार्पित की थी. साथ ही, हमें लागत घटाना है. उत्पादन का ठीक दाम देना है. उपज का नुकसान होने पर उस की भरपाई भी करनी है. साथ ही, कृषि का विविधीकरण भी करना है.
खेती के सहयोगी काम से अतिरिक्त आमदनी
उन्होंने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए हमें परंपरागत खेती ही नहीं, बल्कि फलों, फूलों, औषधि की खेती, कृषि वानिकी, पशुपालन, मधुमक्खीपालन और मछलीपालन आदि कई प्रकार की खेती करनी होगी. आमदनी बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास करने पड़ेंगे. कृषि और डेयरी दोनों जुड़े हुए हैं. मुझे गर्व है कि इस क्षेत्र में एनडीआरआई ने उल्लेखनीय काम किया है.
कृषि में नए शोध और तकनीकी खेती से फायदा
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नई तकनीक का प्रयोग करते हुए हम कैसे अधिक दूध का उत्पादन कर सकते हैं, इस पर हमें ध्यान देना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जोर दे रहे हैं कि कैसे हम पशुओं को उन्नत नस्ल में बदल दें. वैज्ञानिकों को भी इस के लिए बधाई देता हूं.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था, वहीं अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘जय विज्ञान’ जोड़ा और नरेंद्र मोदी ने ‘जय अनुसंधान’ को जोड़ा, जो कि अनुसंधान के लिए आवश्यक है. शोध और अनंसंधान पर खर्च होना चाहिए. तकनीक के इस्तेमाल के बिना हम आगे नहीं बढ़ सकते हैं. भारत को हमें ‘फूड बास्केट’ बनाना है और भारत को दूध का सब से बड़ा उत्पादक भी बनाना है. इस में संस्थान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.
तीसरी सब से बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनेगा भारत
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान भाई, आप मेरी चिंता न करें. मेरी यही कोशिश रहेगी कि किसान आगे बढ़े और हमारा अन्नदाता कैसे सुखी हो. उन्होंने बहनों को प्रेरित करते हुए कहा कि बहनों आप को भी लखपति बनना है. 1 करोड़, 15 लाख ‘लखपति दीदीयां’ हैं. कई दीदियों ने छोटेछोटे उद्योग शुरू कर दिए हैं. हमें एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न, समृद्ध और शक्तिशाली भारत बनाना है.
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की 5वीं सब से बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्दी ही दुनिया की तीसरी सब से बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. उस में कृषि और पशुपालन का अहम रोल होगा और महिलाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान होगा.
उन्होंने कहा कि दीदीयां तकनीक का प्रयोग करते हुए आज ड्रोन उड़ा रही हैं. एनडीआरआई के दोस्तों और अन्य संस्थानों को अच्छे काम के लिए मैं बधाई देता हूं और जहां सुधार की गुंजाइश होगी वह किया जाएगा.