भागलपुर : कृषि विश्वविद्यालय में 25वीं प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक कुलपति डा. डीआर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिस में बैठक में स्वागत भाषण देते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहाने ने सभा को विश्वविद्यालय के प्रसार गतिविधियों से अवगत कराया. साथ ही, सफरनामा फिल्म के माध्यम से विश्वविद्यालय की गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया.

मुख्य अतिथि के तौर पर एआरआई, पूसा, नई दिल्ली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डा. डीके सिंह ने शिरकत किया, साथ ही, चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के पूर्व निदेश प्रसार शिक्षा डा. धूम सिंह ने भी बैठक में भाग लिया.

आईसीएआर, अटारी, पटना के निदेशक डा. अंजनी कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से हुए प्रसार कार्यों की समीक्षा की.

इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिक बदलते मौसम, बाजार और किसानों के हालात को देखते हुए प्रस्ताव ले कर आए,” उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के साथसाथ सभी महाविद्यालयों और क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्रों पर एटिक सेंटर खुलेगा, जिस में विश्वविद्यालय द्वारा तैयार बीज, प्रकाशन एवं अन्य उत्पाद भी उपलब्ध होंगे.

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बैठक में प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहाने ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के प्रसार कार्यक्रम पूरे बिहार के किसानों के हित में ध्यान रख कर चलाए जा रहे हैं.

विश्वविद्यालय से उतीर्ण एक पूर्व छात्रा मीनाक्षी ने अपने द्वारा शुरू किए गए मखाना स्टार्टअप से सभा को अवगत कराया एवं अन्य कृषि छात्रछात्राओं से नौकरी मानसिकता से निकल कर अपार संभनाओं से भरा कृषि स्टार्टअप की ओर ध्यान देने को कहा.

प्रगतिशील किसानों में विनीता देवी, सुधांशु कुमार और आनंद ठाकुर ने बैठक में हिस्सा लिया.

पुस्तकों का हुआ विमोचन

प्रसार शिक्षा परिषद की बैठक के दौरान मोटे अनाज पर कृषि विज्ञान केंद्र, शेखपुरा और बाढ़ द्वारा प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया. इस के अतिरिक्त केवीके, शेखपुरा द्वारा प्रकाशित बकरी के शिशु की देखभाल और केवीके, मुंगेर से प्रकाशित श्री अन्न पुस्तक का भी विमोचन हुआ.

डिजिटल मृदा उर्वरता मैप का हुआ विमोचन

इसी अवसर पर कुलपति द्वारा एक पोर्टल लौंच किया गया, जिस में विभिन्न जिलों के सॉइल फर्टीलिटी को दर्शाने वाले मैप उपलब्ध हैं. इस से किसान अपने जिले की मिट्टी के प्रकार को समझ सकते हैं और उस के अनुरूप अनुशंसित खेती के काम कर सकते हैं.

बैठक में सभी कृषि विज्ञान केंद्रों ने प्रस्तुत किया प्रगति पतिवेदन

बैठक में बीएयू के अधीन सभी 25 कृषि विज्ञान केंद्रों ने अपना प्रस्तुतीकरण दिया एवं विशेषज्ञों ने केवीके के कार्यों की समीक्षा की एवं बेहतर क्रियान्वयन हेतु कई सुझाव दिए.

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी निदेशक, अधिष्ठाता और प्राचार्य उपस्थित रहे. सभा का संचालन आरजे अन्नू ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन सहनिदेशक प्रसार शिक्षा डा. आर एन सिंह ने किया.

बैठक के मुख्य बिंदु

– छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिक मौडल बनाएं.

– जीआई टैगिंग के लिए उत्पादों या फसलों को वैज्ञानिक चिन्हित करें.

– विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल के मध्यम से राज्यभर के किसानों के लिए 16 अक्तूबर से “सवालजवाब” कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा.

– किसानों द्वारा ग्रास रूट टैक्नोलौजी (जुगाड़ टैक्नोलौजी) कर उन्हें वैज्ञानिक परिष्कृत करेंगे.

– सीड पोर्टल होगा लौंच, इस के माध्यम से किसान अपनी मांग दर्ज कर सकेंगे.

– किसानों को वैज्ञानिक उन के अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे.

– पटना सहित सभी महाविद्यालयों में खुलेगा एटिक, यहां सिंगल विंडो के तर्ज पर मिलेगा विश्वविद्यालय का बीज, उत्पाद और प्रकाशन.

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