मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक में कृषक उत्पादक संगठनों के गठन एवं संवर्धन योजना को मंजूरी दी गई है.
एफपीओ का गठन एवं संवर्धन योजना क्या है ?
इस योजना के तहत प्रदेश के हर विकास खंड में कम से कम 2 कृषक उत्पादक संगठन यानी एफपीओ के गठन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
‘कृषक उत्पादक संगठनों यानी एफपीओ का गठन एवं संवर्धन’ योजना के तहत नए फायदे दिए जाएंगे. इन एफपीओ को हैंड होल्डिंग प्रदान की जाएगी, जिस से उन के सदस्यों को गुणवत्तायुक्त आदानप्रदान सामग्री, उन्नत कृषि यंत्र और पोस्ट हार्वेस्ट तकनीकों के उपयोग में सहायता मिलेगी, साथ ही, उन्हें बाजार से भी जोड़ा जा सकेगा.
यह योजना प्रदेशभर में चलाई जाएगी, जो किसान कल्याण और कृषि विकास के माध्यम से लाभकारी होगी.
किसानों को होगा फायदा
मध्य प्रदेश के कृषि एवं कल्याण मंत्री कमल पटेल ने बताया कि इस योजना में कुल 50 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है, जो वर्ष 2025 तक चलेगा. एफपीओ एक ऐसा संगठन होता है, जिस में किसान या कृषि से जुड़े लोगों के समूह द्वारा संचालित किया जाता है, जिस का सीधा लाभ उस संगठन से जुड़े लोगों को मिलता है. साथ ही, उस संगठन को अपनी तरफ से नाममात्र की ही पूंजी लगानी होती है. इस में कृषि यंत्रों का भी खासा रोल होता है, जिन के माध्यम से किसानों की आय भी बढ़ती है. इस में वर्ष 2023-24 के लिए 20 करोड़, 99 लाख रुपये और वर्ष 2024-25 के लिए 29 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है. इस योजना में हर एफपीओ को 3 वर्षों के लिए अधिकतम 18 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे. साथ ही, प्रत्येक किसान को इक्विटी अनुदान के रूप में 2,000 रुपए से ले कर अधिकतम 15 लाख रुपए तक का लाभ मिलेगा.
इस योजना का क्रियान्वयन राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा किया जाएगा.