नई दिल्ली : गैल्वनाइजिंग और्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबरधन) भारत सरकार की एक प्रमुख बहुमंत्रालयी पहल है, जिस का उद्देश्य मवेशियों के गोबर और कृषि अवशेषों और अन्य बायोमास सहित भारत सरकार ने गोबरधन पहल के कार्यान्वयन की गति को बढ़ाने के साथसाथ उस की व्यापकता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिस में अन्य बातों के साथसाथ चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा की गई जिस में सीबीजी को द्विपक्षीय/सहकारी दृष्टिकोण के तहत कार्बन क्रेडिट के व्यापार के लिए गतिविधियों की सूची में 17 फरवरी, 2023 को शामिल किया गया. इस से सीबीजी संयंत्र मालिकों को कार्बन क्रेडिट बायोडिग्रेडेबल/जैविक कचरे को बायोगैस, कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी), और जैविक खाद जैसे मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करना और "संपूर्ण सरकार" के एक नवीन दृष्टिकोण के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है.

बजट घोषणा 2023 ने 10,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 500 नए "कचरे से कंचन" संयंत्रों की स्थापना की घोषणा कर के इस परिवर्तनकारी पहल को एक बड़ा प्रोत्साहन प्रदान किया. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 198 संयंत्र लगाए गए, जिन में 12 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र और 186 बायोगैस संयंत्र शामिल हैं. इस के अलावा 556 संयंत्र बन रहे हैं, जिन में 129 सीबीजी संयंत्र और 427 बायोगैस संयंत्र शामिल हैं.

भारत सरकार ने गोबरधन पहल के कार्यान्वयन की गति को बढ़ाने के साथ ही उस की व्यापकता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिस में अन्य बातों के साथसाथ चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा की गई, जिस में सीबीजी को द्विपक्षीय/सहकारी दृष्टिकोण के तहत कार्बन क्रेडिट के व्यापार के लिए गतिविधियों की सूची में 17 फरवरी, 2023 को शामिल किया गया. इस से सीबीजी संयंत्र मालिकों को कार्बन क्रेडिट के व्यापार के माध्यम से अतिरिक्त राजस्व में मदद मिलेगी.

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