उदयपुर : 30 सितंबर, 2023. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के अनुसंधान निदेशालय में संस्थागत विकास कार्यक्रम के अंतर्गत स्नातक विद्यार्थियों के लिए “सब्जियों में पादप प्रवर्धन की तकनीकी” पर 6 दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया.
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में डा. महेश कोठारी, परियोजना सहप्रभारी एवं निदेशक, आयोजन एवं परिवेक्षण ने कहा कि सब्जियों में प्रवर्धन को विद्यार्थी एक उद्यम के रूप में भी स्थापित कर सकते हैं, जिस से अच्छी गुणवत्ता की रोपण सामग्री किसानों को उपलब्ध करा कर वे अच्छा लाभ कमा सकते हैं. साथ ही, वह और दूसरे छात्रों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं.
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की हाईटैक हौर्टिकल्चर यूनिट पर सब्जियों के प्रवर्धन पर उत्कृष्ट काम हो रहा है, जिस का लाभ किसानों एवं छात्रछात्राओं को मिलना ही चाहिए. ऐसे में यह प्रशिक्षण सभी के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. एसएस शर्मा, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान समय में कृषि में नवाचारों की आवश्यकता है. ऐसे में सब्जियों में प्रवर्धन एक नवाचार के रूप में उभर कर आ रहा है.
किसानों को कई बार गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उपलब्ध नहीं हो पाती है. ऐसे में निम्न गुणवत्ता के बीज एवं पौध का चयन उत्पादन एवं आय में गिरावट करता है. इसलिए सब्जियों में प्रवर्धन की तकनीकी की जानकारी होने से वे खुद रोपण सामग्री तैयार कर पाएंगे.
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डा. अरविंद वर्मा, निदेशक अनुसंधान, ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण विद्यार्थियों में नवचेतना का संचार करते हैं एवं पाठ्यक्रम की पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य रुचि के विषयों पर प्रशिक्षण से छात्रों में उद्यमिता का भाव विकसित होता है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में समाज की क्रय क्षमता में काफी वृद्धि हुई है, जिस से कि विदेशी एवं उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियों की मांग भी बढ़ी है. ऐसे में उन का गुणवत्तायुक्त पादप सामग्री उपलब्ध होना अत्यंत आवश्यक है.
प्रशिक्षण प्रभारी डा. कपिल देव आमेटा, सहआचार्य, ने प्रशिक्षण में आयोजित होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में देशी एवं विदेशी सब्जियों के प्रवर्धन की संपूर्ण जानकारी प्रायोगिक रूप से प्रशिक्षार्थियों को दी जाएगी. प्रशिक्षण में कुल 30 छात्र छात्रों ने भाग लिया.