श्रीगंगानगर : जिले में कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 4212 कृषि यंत्रों पर अनुदान का भौतिक लक्ष्य दिया गया है. इसी मिशन के तहत पशुपालक किसानों को चाफ कटर हस्तचलित के 703 लक्ष्य एवं चाफ कटर पावरचलित के 1188 लक्ष्य और रिज बेड प्लांटर लाइट वेट के 47 लक्ष्य व हैवी वेट के 47 लक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिस से जिले के अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सकें.

कृषि विभाग श्रीगंगानगर के संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डा. जीआर मटोरिया ने बताया कि किसान के नाम पर कृषि योग्य जमीन का मालिकाना हक होना चाहिए, तभी इस योजना का लाभ किसान को मिल सकेगा.

इस के अलावा किसान के खुद के नाम पर मालिकाना हक न होने की स्थिति में या नामांतरण के अभाव में किसान द्वारा खुद के पक्ष में भूस्वामित्व में नोशनल शेयर धारक का प्रमाणपत्र राजस्व विभाग से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है तो ऐसे किसान भी अनुदान के लिए पात्र माने जाएंगे.

एक किसान को विभाग की किसी भी योजना में एक प्रकार की कृषि यंत्र पर 3 वर्ष की समयावधि में केवल एक बार ही अनुदान देय होगा.

अगर किसान ट्रैक्टरचलित कृषि यंत्र खरीदना चाहता है, तो आवेदक के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है.

आवेदक के स्वयं के नाम से न हो कर परिवार के अन्य सदस्य के नाम से ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन होने की स्थिति में रजिस्ट्रेशनधारक का शपथपत्र देना अनिवार्य है.
इस के अलावा औनलाइन किए जाने वाले आवेदनपत्र के साथ किसान को नवीनतम जमाबंदी की नकल, जो कि 6 माह से अधिक पुरानी न हो, सलंग्न करनी होगी. आधारकार्ड देना अनिवार्य होगा.

जिन किसानों का जनआधार पर लघु एवं सीमांत किसानों की श्रेणी में पंजीयन है, उन को ही लघु एवं सीमांत किसान मानते हुए अनुदान के लिए पात्र समझा जाएगा.

यदि जनआधार में लघु या सीमांत किसान के पंजीयन की सुविधा न हो, तो ऐसी स्थिति में किसानों को आवेदन के समय सक्षम स्तर से जारी लघु या सीमांत किसान श्रेणी का प्रमाणपत्र साथ लगाना होगा.

ट्रैक्टरचलित कृषि यंत्र खरीदने के लिए ट्रैक्टर की रजिस्ट्रेशन की प्रति या आवश्यक होने पर शपथपत्र सलंग्न करना होगा. किसान को खरीदे जाने वाले कृषि यंत्र का कोटेशन सलंग्न करना अनिवार्य होगा.

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत एवं महिला किसानों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 50 फीसदी तक एवं अन्य श्रेणी के किसानों के लिए कृषि यंत्र की लागत राशि का अधिकतम 40 फीसदी तक अनुदान दिया जाएगा. किसानों को स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान केवल आवेदक के जनआधार से जुड़े खाते में ही देय होगा.

किसान को कृषि यंत्र अनुदान योजना का लाभ लेने के लिए ई-मित्र केंद्र पर जा कर अथवा स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर जनआधार नंबर के माध्यम से आवेदन करना होगा. आवेदनपत्र को ई-प्रपत्र में भरा जाएगा एवं आवश्यक दस्तावेज को स्कैन कर अपलोड करना होगा. खरीदे जाने वाले कृषि यंत्र का नाम एवं उस की बीएचपी श्रेणी का पोर्टल पर चयन करना होगा.

आवेदक को आवेदनपत्र की प्राप्ति रसीद औनलाइन प्राप्त होगी एवं आधार में पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस प्राप्त होगा. आवेदनपत्र की औनलाइन जांच के समय आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर आवेदक को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर इस का एसएमएस भेजा जाएगा. आवेदक को 15 दिन के अंदर राज किसान साथी पोर्टल पर कमी की पूर्ति करनी होगी, अन्यथा 15 दिन के बाद आवेदन निरस्त हो जाएगा.

आवेदनकर्ता आवेदन के पश्चात राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर अथवा राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन की स्थिति की जानकारी औनलाइन प्राप्त कर सकते हैं. औफलाइन आवेदन प्रपत्र नहीं लिए जाएंगे.

उन्होंने बताया कि राज्य के किसी भी जिले में पंजीकृत निर्माता या विक्रेता, जिन की सूची राज किसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा मोबाइल एप पर प्रदर्शित हो, से कृषि यंत्र क्रय करने पर ही अनुदान देय होगा. किसानों को कृषि यंत्रों पर अनुदान उन की कुल लागत (मशीन/उपकरण की कीमत समस्त कर/लागू जीएसटी सहित) पर देय होगा.

जिले में श्रेणीवार ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के आधार पर ही औनलाइन वरीयता के आधार पर इस योजना का लाभ मिल सकेगा. जिले में आवेदन श्रेणीवार लक्ष्यों से डेढ़ गुना से अधिक प्राप्त होते हैं, तो रेंडमाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी.

प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के पश्चात क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर ही अनुदान देय होगा. प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के दिन से पहले क्रय किए गए कृषि यंत्रों पर कोई अनुदान देय नहीं होगा.

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