नई दिल्ली : 6 अगस्त 2024. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती फसल बीमा योजनाओं में कई तरह की कठिनाइयां थीं, किसानों के लिए उच्च प्रीमियम थी, दावों के निबटान में विलंब होता था, किसान और किसान संगठनों को कई तरह की आपत्तियां थीं. नरेंद्र मोदी नई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लाए और जब से ये योजना आई है, आप तुलना कर के देख लीजिए, पहले केवल 3.51 करोड़ आवेदन आते थे, लेकिन अब 8.69 करोड़ आवेदन आए हैं, क्योंकि किसानों को भरोसा है.

उन्होंने आगे कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब अऋणी किसानों के केवल 20 लाख आवेदन आते थे, अब 5.48 करोड़ आए हैं. कांग्रेस सरकार में कुल किसान आवेदन 3.71 करोड़ थे, जो अब 14.17 करोड़ हैं. किसानों ने 32,440 करोड़ रुपए प्रीमियम दिया, जबकि उन्हें 1.64 लाख करोड़ रुपए क्लेम दिया गया.

योजना में 3.97 करोड़ किसान हुए कवर

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पुरानी फसल बीमा योजना में बीमा आवश्यक रूप से किया जाता था और बीमा की प्रीमियम राशि बैंक अपनेआप काट लेते थे. हमारी सरकार ने इस विसंगति को दूर किया है. अब किसान की मरजी है तो वह बीमा कराएं और अगर मरजी नहीं है तो न कराएं.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पहले अऋणी किसान बीमा नहीं करवाता था, लेकिन अब वह भी चाहे तो बीमा करवा सकता है. अब तक इस में 5 लाख 1,000 हेक्टेयर कवर हुआ, जो साल 2023 में बढ़ कर 5.98 लाख हो गया है, वहीं 3.97 करोड़ किसान कवर हुए हैं और किसान निरंतर फसल बीमा योजना अपना रहे हैं.

उन्होंने कहा कि योजना को आसान बनाने के लिए सरकार ने अनेक उपाय किए हैं, जिस से कि योजना का लाभ लेने में किसानों को कोई दिक्कत न हो.

नुकसान का आंकलन रिमोट सेंसिंग से

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक और नवाचार किया गया है. अब नुकसान का आंकलन नजरी नहीं, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से कम से कम 30 फीसदी करना अनिवार्य कर दिया गया है. कई बार क्लेम भुगतान में देरी होती है. अगर देरी होती है, तो बीमा कंपनी 12 फीसदी पेनल्टी देगी, जो सीधे किसान के खाते में जाएगी. अगर हम देरी के कारण देखें, तो अधिकांश राज्यों द्वारा प्रीमियम सब्सिडी में अपने हिस्से को देरी से जारी करना सब से बड़ा कारण है.

उन्होंने कहा कि मैं सभी राज्य सरकारों से निवेदन करता हूं कि अपना हिस्सा जारी करने में देर न करें. कई बार उपज के आंकड़े देरी से प्राप्त होते हैं. कुछ मामलों में बीमा कंपनी और राज्यों के बीच विवाद सामने आता है. पहले एक व्यवस्था थी कि जब राज्य सरकार अपनी राशि जारी करती थी, तभी केंद्र सरकार अपना हिस्सा देती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अब एक प्रावधान किया है और राज्य सरकार के शेयर से खुद को को डीलिंक कर लिया है, इसलिए अब केंद्र अपना शेयर तत्काल जारी करेगी, ताकि किसान के भुगतान में देरी न हो. किसान को कम से कम केंद्र की राशि समय पर मिल जाए.

पीएम फसल बीमा योजना के 3 मौडल

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे देश के हर जिले के और हर किसान के लिए है. प्रधानमंत्री फसल बीमा के 3 अलगअलग मौडल हैं और उस मौडल में केंद्र सरकार केवल पोलिसी बनाती है. राज्य सरकार जिस मौडल को चुनना चाहे, उस मौडल को चुनती है.

ये फसल बीमा योजना हर राज्य के लिए आवश्यक नहीं है. जो राज्य इस योजना को अपनाना चाहे अपनाए और जो राज्य नहीं अपनाना चाहे, नहीं अपनाए.

उन्होंने कहा कि बिहार में अभी तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू नहीं किया गया है. बिहार की एक अपनी योजना है, वह उस योजना के हिसाब से अपने किसान को लाभान्वित करते हैं.

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