जयपुर : पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने वित्त वर्ष 2024-25 की बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि पशु कल्याण और पशुपालक हमारी सरकार की प्राथमिकता है. पशुपालन मंत्री पिछले दिनों सचिवालय स्थित अपने कक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने बजट घोषणा के तहत पशुधन विकास कोष, सैक्स सोर्टेड सीमन और ब्रीडिंग पोलिसी की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट के विशेष प्रचारप्रसार पर जोर देते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों तक इस की जानकारी से ही हमारी इस योजना का लाभ लोगों तक पहुंच पाएगा.
उन्होंने इसे हाइब्रिड मोड पर भी चलाने के निर्देश दिए, जिस से अधिक से अधिक लोग इस का लाभ उठा सकें.
उन्होंने प्रत्येक मोबाइल वेटेरिनरी यूनिट में एक आगंतुकपंजिका रखने के निर्देश दिए, जिस से लाभार्थी अपने सुझाव और शिकायतें उस में दर्ज कर सकें और इस सेवा को और बेहतर करने में विभाग को मदद मिल सके.
मंत्री जोराराम कुमावत ने विभागीय पदोन्नति के लिए निदेशक सहित सभी पदों की डीपीसी जल्द से जल्द कराने के निर्देश दिए. साथ ही, रिक्त पदों की भरती की प्रक्रिया को भी गति प्रदान करने के निर्देश प्रदान किए.
उन्होंने भवनरहित संस्थाओं के लिए भवन निर्माण के कार्य को भी जल्द से जल्द योजनाबद्ध तरीके से पूरा करने का निर्देश दिया, जिस से पशुओं और पशुपालकों को समस्याओं से नजात मिल सके.
मंत्री जोराराम कुमावत ने पशु मेलों में प्रचारप्रसार की स्थिति पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि इसे दुरुस्त करने का प्रयास होना चाहिए, ताकि लोगों को मेलों और उन में होने वाली गतिविधियों की जानकारी हो सके.
पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने गोशालाओं के जमीन की आवंटन नीति की समीक्षा करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस का सरलीकरण होना चाहिए. जिला गोपालन समिति की बैठक समय पर आयोजित करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि गोशालाओं को समय पर अनुदान मिलना चाहिए और इस के लिए गोशाला समितियों की बैठक समय पर होना आवश्यक है.
उन्होंने मध्य प्रदेश और ओड़िसा की तरह प्रदेश में भी गौ अभ्यारण्य की स्थापना पर बल दिया, जिस से गायों को आश्रय की सुविधा मिल सके. उन्होंने गाय के गोबर और गौमूत्र के प्रसंस्करण और उस से बनने वाले उत्पादों के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए, जिस से किसान और पशुपालक आर्थिक रूप से और मजबूत बन सकें.
उन्होंने गोशालाओं में एआई के उपयोग पर भी बल दिया. साथ ही, एनएलएम की तरह गायों के लिए भी परियोजना तैयार करने के निर्देश दिए.
आगामी बजट घोषणा पर चर्चा करते हुए पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ऐसी योजना बनाएं, जो अधिक से अधिक किसानों और पशुपालकों के हित में हों और जिन का क्रियान्वयन धरातल पर सुगमता से हो सके.
बैठक में शासन सचिव, पशुपालन एवं गोपालन डा. समित शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पशुपालन, डेयरी और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और आने वाले समय में हम इन संभावनाओं को धरातल पर लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने राइजिंग राजस्थान को इस के लिए एक अच्छा अवसर बताया.
बैठक में पशुपालन निदेशक डा. भवानी सिंह राठौड़, गोपालन निदेशक डा. सुरेश मीणा, पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डा. आनंद सेजरा और प्रह्लाद सहाय नागा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.