नई दिल्ली : केंद्रीय उपभोक्ता मामला विभाग ने अनाज और तिलहन में नमी के स्तर को मापने में काम आने वाले नमी मीटर के लिए मसौदा नियमों पर चर्चा करने के लिए सभी हितधारकों के साथ एक बैठक आयोजित की.
नमी मीटर एक विशेष उपकरण है, जिस का उपयोग विभिन्न पदार्थों, विशेष रूप से कृषि में अनाज और तिलहन में नमी की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है. नमी के बारे में इस से सटीक आंकड़े मिलते हैं.
इस बैठक की अध्यक्षता उपभोक्ता मामला विभाग की सचिव निधि खरे ने की. इस संशोधन का उद्देश्य अनाज और तिलहन में नमी के स्तर को मापने में नमी मीटर के लिए विनिर्देशों को शामिल करना है. नियम अनाज और तिलहन के वाणिज्यिक लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले अनाज नमी मीटर के प्रकार अनुमोदन के लिए माप संबंधी और तकनीकी आवश्यकताओं, परीक्षण विधियों और अधिकतम स्वीकार्य त्रुटियों को निर्दिष्ट करेंगे.
इस बैठक में विभिन्न निर्माताओं, उपयोगकर्ताओं, वैज्ञानिक संस्थानों, प्रयोगशालाओं, राज्य सरकार के कानूनी माप विज्ञान विभागों और वीसीओ ने भाग लिया.
नमी मीटर इन वस्तुओं की गुणवत्ता और भंडारण उपयुक्तता निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण है. नमी के स्तर को माप कर किसान और कारोबारी अनाजों का बेहतर संरक्षण सुनिश्चित कर सकते हैं, इस के खराब होने के जोखिम को कम कर सकते हैं और भंडारण व परिवहन के लिए इष्टतम स्थिति बनाए रख सकते हैं. कानूनी माप विज्ञान नियमों में नमी मीटरों को शामिल करने के प्रस्ताव का उद्देश्य उन की सटीकता को मानकीकृत और विनियमित करना, कृषि व्यापार प्रथाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता बढ़ाना है.
नमी मीटर से संबंधित मसौदा नियम 30 मई, 2024 को सार्वजनिक प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध कराए गए थे, जिस में जून, 2024 के अंत तक सभी हितधारकों से टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं. इस बैठक के दौरान मसौदा नियमों पर प्राप्त सभी टिप्पणियों पर विस्तार से चर्चा की गई.
सभी हितधारकों ने अनाज और तिलहन में नमी के स्तर को मापने के काम आने वाले नमी मीटर को शामिल करने के लिए प्रस्तावित संशोधन का समर्थन किया. उन्होंने किसानों और कृषि क्षेत्र में शामिल अन्य हितधारकों के सर्वोत्तम हित में इन नियमों को लागू करने के महत्व पर जोर दिया.
विभाग नमी मीटरों के अलावा गैस मीटर (पीएनजी मीटर), ऊर्जा मीटर, वाहनों की गति मापने के लिए रडार उपकरण और श्वास विश्लेषकों को विनियमित करने के लिए नियम बनाने पर भी काम कर रहा है. इस के लिए निर्माताओं, उपयोगकर्ताओं और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन सहित सभी हितधारकों के साथ सार्वजनिक परामर्श किया जा रहा है.