दमोह : ब्यारमा नदी पर 14 हजार करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट है, जिस का पानी दमोह जिले के पूरे गांवों में पहुंचेगा. जिले का एक भी गांव, खेत नहीं बचेगा, सभी के खेतों पर पानी पहुंचेगा. आने वाले समय में दमोह जिले में पानी की कोई दिक्कत नहीं होगी. डेम बनना बहुत बड़ा काम है. डेम से पूरे जिले में पानी फैलाना और ढाई लाख हेक्टेयर की सिंचाई होना है, बहुत बड़ी बात है.

जिले में सिर्फ 2 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होने के लिए बची है, बाकी में पहले से ही सिंचाई हो रही है, 4 डेम बने हुए हैं. इस आशय की बात प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने ग्राम नंदरई में प्रथम आगमन पर एक सभा को संबोधित करते हुए कही.

राज्यमंत्री लखन पटेल ने कहा कि 3 महीने पहले मुख्यमंत्री आए थे, हम ने उन से जब बात की कि ब्यारमा नदी पर एक डेम बनाया जाए, तो उन्होंने कहा कि इस की मंजूरी कर देंगे. बताते हुए खुशी है कि उस का टेंडर भी लग गया है, 30 करोड रुपए का सर्वे का टेंडर लग गया है, जिस में आप सभी की जिम्मेदारी है कि जब एजेंसी के लोग आएं तो कोई भी खेत न छूटे, एक बार पूरा एस्टीमेट या पूरी योजना बन गई. फिर कोई छूट गया, तो बहुत दिक्कत होती है.

राज्यमंत्री लखन पटेल ने कहा कि यहां के तालाबों में पानी की आवक नहीं हैं, जो कि सब से बड़ी दिक्कत है, खेतों से पाइपलाइन डल रही है, यह प्रयास किया जा रहा हैं कि साजली नदी से 2-3 किलोमीटर की पाइपलाइन मंजूर हो जाए. नंदरई और बांसा की सब से बडी सिंचाई की समस्या हल हो जाएगी.

उन्होंने कहा कि टंकी का काम शुरू हो जाएगा, इस में भी सालडेढ़ साल लगेगा, लेकिन हर घर तक टोंटी से पानी पहुंचेगा. छूटे हुए गांवों का फिर से सर्वे करा कर उन को जोड़ने का काम किया जा रहा है. खासतौर से नंदरई और बांसा जैसे गांव जो पूरे क्षेत्र में फैले हुए हैं, वहां सब से ज्यादा इस की आवश्यकता है, पानी गांव में तो आ गया है, लेकिन वहां नहीं पहुंचा.

राज्यमंत्री लखन पटेल ने कहा कि 40 फीसदी आबादी गांव में रह रही है, बाकी 60 फीसदी बाहर रह रहे हैं, यही स्थिति है, उस के लिए सर्वे किया जा रहा हैं. सर्वे के बाद आप सभी के घर पानी पहुंचाने का काम होगा.

इस अवसर पर उपाध्यक्ष जिला पंचायत मंजू धर्मेंद्र कटारे, गौरव पटैल, खरगराम पटेल, ललित पटेल, खिलान अहिरवार, नरेश सराफ, सुखई दाऊ, अशोक सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिक, पंचायत प्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

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