बिलासपुर : पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के जरीए छत्तीसगढ़ के कोनेकोने में हरियाली बिछाने की योजना राज्य शासन ने बनाई है. इस योजना का खास मकसद पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त करना व युवाओं को रुझान भी पौधरोपण की तरफ हो.
अगर किसानों को खेत में खड़े पेड़ को काटना है, तो प्रशासन उस पेड़ को काटने की अनुमति तो देगा, लेकिन एक पेड़ के बदले उसे पांच पेड़ लगाने होंगे. यह अनुमति राज्य सरकार किसानों को देगी.
पेड़ लगाने के बाद उस की देखरेख की जिम्मेदारी किसान की होगी. पौध रोपने का काम वन विभाग करेगा मतलब किसान को आगे चल कर भी उस पेड़ पर फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं होगा. उस पेड़ की कटाई वन विभाग ही करेगा. उस पेड़ की खरीद भी विभाग ही करेगा. हां, लेकिन 95 फीसदी रकम किसान के बैंक खाते में जमा करा दी जाएगी, बाकी बची 5 फीसदी राशि से वन विभाग पेड़ कटाई के बाद खाली जगह पर पौधरोपण करेगा.
देखा जाए तो ये किसानों के लिए हितकारी योजना है. जैसे, अगर किसान अपनी जमीन से किसी पेड़ को काटना चाहता है, तो उसे काटने की अनुमति तो मिल जाएगी, लेकिन उसे एक पेड़ काटने के बदले पांच पेड़ लगाने होंगे यानी उसे पांच गुना पेड़ लगाने का काम सरकारी महकमा ही करेगा. फिर पेड़ बड़ा होने पर काटा जाएगा तो उसका 95 फीसदी रकम का हिस्सा किसान को मिलेगा. किसान को बस उस पेड़ की देखरेख ही तो करनी है.
खेत पर मेंड़ या फिर खाली जगह में पेड़ लगाने पर मिलेगी सब्सिडी
इस योजना को आकर्षक बनाने के लिए इसे किसानों से जोड़ कर यह कदम उठाया गया है. वैसे भी कई किसान अपने खेत की मेंड़ पर पेड़ लगाते भी हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए अगर किसान अपने खेत की मेंड़ या फिर खाली जगह में पेड़ लगाना चाहते हैं, तो उन को सुविधा के साथ ही राशि भी देने की योजना सरकार ने बनाई है.
इस योजना के तहत पौधरोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपए अनुदान देने की घोषणा भी राज्य सरकार ने की है.
पौधरोपण के लिए किसानों को उन की पसंद के मुताबिक, पौधे वन विभाग द्वारा ही दिए जाएंगे.
खेत की मेंड़ पर पेड़ लगाने से किसानों को भी फायदा है. ये खेत की मिट्टी के कटाव को भी बचाते हैं. अगर तकनीक से काम किया जाए, तो कुछ हद तक खेत में पानी व मिट्टी का सरंक्षण भी किया जा सकता है.
इस तरह की योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीक के बागबानी विभाग से मदद ले कर मनपसंद पेड़ का चुनाव कर सकते हैं.