लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश में कृषि कुंभ का आयोजन किया गया था, जिस की देशभर में सराहना हुई. इसी प्रकार प्रदेश में कृषि कुंभ 2.0 को वैश्विक समारोह बनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. यह आयोजन बीज बाजार तक और दुनियाभर में कृषि क्षेत्र में अपनाई जा रही तकनीक से ले कर नवाचार तक की जानकारी देने वाला होगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह विचार अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 की तैयारियों की समीक्षा बैठक के दौरान व्यक्त किया.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 में प्रदेश के प्रत्येक जनपद के साथसाथ देश के हर राज्य की भागीदारी कराई जानी चाहिए. हर राज्य में कृषि क्षेत्र में हो रहे बेस्ट प्रैक्टिस को यहां प्रदर्शित किया जाए. इस से हमारे किसान तकनीकी दृष्टि से और अधिक संपन्न हो सकेंगे.
उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 का आयोजन इस वर्ष दिसंबर माह के दूसरे सप्ताह में सम्भावित है, जिस का मुख्य कार्यक्रम भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में होगा. इस से पहले नई दिल्ली में कर्टेन रेजर इवेंट भी आयोजित किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 में 2 लाख से अधिक किसानों की प्रतिभागिता कराई जाए. भारत सरकार के मंत्री, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कृषि व उस से जुड़े सैक्टरों की ख्यातिप्राप्त कंपनियों/ संस्थाओं, सभी कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों, प्रगतिशील किसानों को आमंत्रित किया जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन के वैश्विक स्वरूप पर चर्चा करते हुए कहा कि जापान, इजरायल, क्रोएशिया, पोलैंड, पेरु, जर्मनी, यूएसए, फिलीपींस, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया जैसे देशों में खेतीकिसानी को ले कर अनेक अभिनव कार्य हो रहे हैं. यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तर्ज पर संबंधित देशों में भारतीय दूतावासों / उच्चायोग से संपर्क कर इन देशों को उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.0 में कंट्री पार्टनर के रूप में सहभागी बनाने के प्रयास किए जाएं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश कृषि कुंभ 2.,0 के विभिन्न आयामों के बारे में विमर्श करते हुए कहा कि सम्मेलन के दौरान गौ आधारित प्राकृतिक खेती, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने की तैयारियों, श्री अन्न के प्रोत्साहन, एफपीओ आधारित व्यवसाय, खेती की लागत को कम करने, पराली प्रबंधन के साथसाथ 01 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने वाले राज्य में कृषि सैक्टर के योगदान को बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा कराई जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों/संस्थाओं द्वारा कृषि प्रदर्शनी, इंटीग्रेटेड फार्मिंग, ड्रोन के उपयोग, औद्यानिक क्षेत्र की उपलब्धियों, गोवंश संरक्षण, रेशम उद्योग की प्रगति, एग्रो फौरेस्ट्री, फूलों की खेती कृषि उद्यमिता कृषि विविधीकरण एबी स्टार्टअप, डिजिटल एग्रीकल्चर जैसे विषयों पर विचारविमर्श विशेषज्ञों के व्याख्यान, प्रदर्शनियां आदि आयोजित की जाएं.
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया कि बाजरा, ज्वार, महुआ, सांवा, कोदो, काकुन, कुटकी, चैना, कुट्टू और रामदाना जैसे स्वाद और पोषणयुक्त श्री अन्न (मिलेट्स) की विशिष्टताओं से परिचय कराने के लिए आगामी अक्तूबर माह में राज्य स्तरीय कार्यशाला लखनऊ में आयोजित की जाएगी.
उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला में मिलेट्स के विभिन्न उत्पादों/पकवानों का प्रदर्शन किया जाएगा.
जनप्रतिनिधियों के साथसाथ होटल एसोसिएशन/शेफ, स्कूली बच्चों, एफपीओ इत्यादि को आमंत्रित किया जाएगा. मिलेट्स पर काम करने वाले एफपीओ, उद्यमियों, किसानों को सम्मानित भी किया जाएगा.