नई दिल्ली: 8 फरवरी 2024. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत केंद्रीयकृत ‘‘किसान रक्षक हेल्पलाइन 14447 और पोर्टल”, कृषि बीमा सैंडबौक्स फ्रेमवर्क प्लेटफार्म ‘सारथी’ एवं कृषि समुदाय के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) प्लेटफार्म का दिल्ली में समारोहपूर्वक शुभारंभ किया.
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चैधरी, केंद्रीय कृषि सचिव मनोज अहूजा भी उपस्थित थे.
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह देश गांवों का देश है, किसानों का देश है. किसानों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में कृषि मंत्रालय लगातार काम कर रहा है.
किसानों को उन्नत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के सामथ्र्य, ताकत, मजबूती से ही देश का सामथ्र्य व मजबूती है.
इसे ध्यान में रखते हुए व किसान समुदाय की उन्नति को रेखांकित करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय काम कर रहा है. सरकार की ओर से संचालित योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
उन्होंने इस दिशा में सरकार द्वारा निरंतर किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान में वसर मिल रहा है कि तकनीकी रूप से भी किसानों को सशक्त बनाने में सहयोगी बनें.
किसानों से डिजिटली जुड़ते हुए उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काम करें. इसी नवाचार के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कृषि रक्षक पोर्टल व हेल्पलाइन, सैंडबौक्स फ्रेमवर्क एवं एलएमएस प्लेटफार्म का शुभारंभ हुआ है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार कृषि क्षेत्र को उच्च प्राथमिकता देती है व इसे अधिक कुशल, प्रतिस्पर्धी, आय उन्मुख व लचीला बनाने की लिए निरंतर प्रयासरत है. कृषि मंत्रालय की प्रमुख योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शामिल हैं.
साथ ही, 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया जा रहा है, जिस के सकारात्मक नतीजे भी मिल रहे हैं. प्रधानमंत्री सिंचाई कार्यक्रम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, बागबानी मिशन, सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन, किसान क्रेडिट कार्ड आदि के जरीए भी किसानों की जरूरतों व लाभ के लिए मंत्रालय काम कर रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना व कृषि कार्यों में जोखिम कम करना है. वर्तमान में कृषि क्षेत्र को ज्यादा ग्रोथ के लिए जहां निवेश की जरूरत है, वहीं प्राकृतिक या मानव निर्मित कारणों से होने वाले नुकसान के जोखिम को कम करने की भी जरूरत है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस के लिए काफी कारगर साबित हुई है. योजना के प्रारंभ से अभी तक इस में 15 करोड़ से ज्यादा किसान जुड़े हैं और अब तक किसानों के 29,237 करोड़ रुपए के प्रीमियम के मुकाबले 1.52 लाख करोड़ रुपए के दावों का पेमेंट किया गया है.
उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना छोटे व सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित हुई है. महाराष्ट्र, ओडिशा, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में सरकारें किसान प्रीमियम के रूप में केवल एक रुपए के साथ सार्वभौमिक कवरेज प्रदान कर के किसानों का समर्थन करने के लिए आगे आई हैं.
पिछले कुछ समय में योजना के क्रियान्वयन में सुधार के प्रयास भी लगातार जारी हैं. सरकार प्रतिबद्ध है कि कृषि क्षेत्र में ऐसी योजनाओं को आगे बढ़ाएं, जिस से किसानों के लिए जोखिम कम हों व आय बेहतर हो सके.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कोशिश होनी चाहिए कि किसानों की समस्या का समाधान डाटा के साथ करने में समर्थ हों.
इस का विशेष ध्यान रखें कि हमारे अन्नदाता निराश न हों, बल्कि उन का सरकार के प्रति विश्वास और बढ़े, उन्हें महसूस होना चाहिए कि उन के पीछे पूरी ताकत से सरकार खड़ी है और वे आगे बढ़ रहे है.
कृषि मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए लगन से काम कर रहा है.
किसान युवा, मातृशक्ति, गरीब सभी के लिए काम हो रहा है. कृषि मंत्रालय, संगठित रूप में किसानों के लिए काम कर रहा है, जिस का लाभ देश के अन्नदाताओं को मिल रहा है.