बालाघाट: कलक्टर मृणाल मीना ने पिछले दिनों खरीफ 2024-25 की प्रगति एवं जिला स्तरीय कृषि उत्पादन समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में कलक्टर मृणाल मीना ने विभाग में संचालित समस्त योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए खरीफ 2024 में बोई गई फसलवार व विकासखंडवार रकबे की जानकारी ली. साथ ही, जिले की 09 विकासखंडों में नवनिर्मित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में लैब चालू करने के लिए समिति का गठन करने के निर्देश दिए गए.
फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिए जाने के संबंध में विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए राज्य मिलेट्स मिशन के अंतर्गत कोदो, कुटकी, रागी एवं मोटे अनाज वाली फसलों का अधिक उत्पादन लिए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने व किसानों को जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया.
उपसंचालक, कृषि, राजेश खोबरागढ़े ने बताया कि वर्तमान खरीफ सीजन में नवाचार के अंतर्गत सोलर लाइट ट्रैप एवं रागी बीज वितरण कार्यक्रम लिया गया है. जिले में नवाचार के अंतर्गत रागी फसल के उत्पादन के लिए 1500 हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है.
30 अगस्त को ग्राम नेवरगांव कला विकासखंड किरनापुर में आयोजित कार्यशाला में ग्रामीण किसानों को लगभग 50 सोलर लाइट ट्रैप वितरण किए गए, जिस में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में खरीफ सीजन में धान की फसलों में तनाछेदक, चने की इल्ली, माहू, जैसिड, माइट, बीटल, ग्रासहौपर, ब्राउन हायर, मांथकीट आदि बहुतायत मात्रा में इन का प्रकोप होता है, जिस में उन के द्वारा धान की फसल व अन्य फसलों के कीटों के नियत्रंण के लिए सौर ऊर्जा पर आधारित नियत्रंण तकनीक सोलर लाइट ट्रैप का उपयोग लाभकारी सिद्ध हो रहा है. जिले में कृषि विभाग की नई पहल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत समन्वित कीट प्रबधंन घटक के तहत सोलर लाइट ट्रैप का उपयोग किसानों के द्वारा कराया जा रहा है.
परंपरागत कृषि, मिट्टी नमूना परिणाम, जैविक खेती, कृषि यंत्रों पर अनुदान, भूमि उपयोग स्थिति, फसल क्षेत्राच्छादन कार्यक्रम, खरीफ फसलवार क्षेत्रफल की प्रगति, उर्वरकवार लक्ष्य उपलब्धता, उर्वरक व्यवस्था, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना, बीज ग्राम योजना, राज्य मिलेट मिशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से संचालित गतिविधियों एवं लक्ष्य पूर्ति की जानकारी की कलक्टर मृणाल मीना के द्वारा समीक्षा की गई.
कृषि विभाग के माध्यम से जिले के किसानों को अधिक से अधिक संख्या में विभिन्न योजनांतर्गत लाभांवित करने के संबंध में कलक्टर मृणाल मीना द्वारा आवश्यक सुझाव दिए गए.
बैठक में परियोजना संचालक आत्मा अर्चना डोंगरे व समिति, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय वारासिवनी बिसेन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र के आरएल राउत, प्राचार्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण केंद्र वारासिवनी, सचिव कृषि उपज मंडी बालाघाट, सहायक कृषि अभियांत्रिकी, सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, प्रक्षेत्र अधीक्षक शासकीय कृषि प्रक्षेत्र पिपरझरी, गढ़ी, किन्ही, एमपी एग्रो. बालाघाट एवं बीज निगम बालाघाट के साथसाथ कृषि विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे.