निवाड़ी : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं से जुड़ कर एवं लाभ पा कर महिलाएं सशक्त हो कर सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. इन्हीं महिलाओं में एक निवाड़ी जिले की रामलली हैं. समूह से जुड़ने से पहले रामलली की स्थिति काफी खराब थी, केवल आय का जरीया खेती थी, सालभर में लगभग 30,000 रुपए की आय होती थी, जिस से केवल घर का खर्च ही चल पाता था.

रामलली ने कहा कि समूह से जुड़ कर उन्होंने 10 रुपए साप्ताहिक बचत से शुरुआत की एवं समूह से छोटेबड़े लोन ले कर अपने परिवार की जरूरत पूरी की. समूह से जुड़ने के पश्चात समूह उन्हें प्रथमवार 1000 रुपए की आरएफ राशि मिली, जो उन्होंने तुरंत एक माह के बाद चुका दिया. इस के बाद उन्होंने समूह से 20,000 रुपए लिए और उन रुपयों से सर्वप्रथम जैविक खाद उपयोग कर खेत की उर्वराशक्ति बढ़ाई गई. इस के बाद उन्होंने समूह का बैंक लिंकेज करवाया, जिस में उन्होंने 20,000 रुपए लिए.

इन पैसों का उपयोग उन्होंने अचार बनाने के काम में किया. अच्छी क्वालिटी का अचार होने के कारण आमदानी होने लगी, जिस के चलते उन्होंने राशि जल्द चुका दी. इस के बाद उन्होंने पुनः सीसीएल करवाया, जो 2 लाख रुपए का हुआ, उस में मैं ने 50,000 रुपए लिए, जिस से उन्होंने अपनी गतिविधि को बड़े स्तर पर करना शुरू कर दिया.

रामलली ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019 में अचार बनाने का काम शुरू किया. रामलली ने अपने परिवार के साथ मिल कर आम, मिर्च, आंवला, अदरक, नीबू, मिक्स अचार इत्यादि बना कर मार्केट की दुकानों में बेचा जा रहा है एवं मिशन द्वारा समयसमय पर लगाए मेलों एवं कार्यक्रमों में स्टाल लगा कर प्रचारप्रसार किया जा रहा है. लगभग 500-600 प्रतिदिन की बचत हो जाती है. रामलली की माली एवं सामाजिक स्थिति में सुधार हो गया. उन्होंने बताया कि मुझे साल में लगभग डेढ़ लाख रुपए से अधिक की आय हो रही है.

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