बदांयू: एचपीसीएल के संपीड़ित बायोगैस संयंत्र (सीबीजी) के बारे में बोलते हुए पैट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व आसवन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि इस संयंत्र में 100 एमटीपीडी चावल के भूसे की प्रसंस्करण क्षमता है और यह 65 एमटीपीडी ठोस खाद के साथ 14 एमटीपीडी सीबीजी उत्पन्न कर सकता है. बदायूं में सीबीजी संयंत्र एचपीसीएल द्वारा तकरीबन 133 करोड़ रुपए के निवेश से चालू किया गया है और यह तकरीबन 50 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है.

एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में हिंदुस्तान पैट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के अग्रणी बायोमास आधारित संपीड़ित बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र का उद्घाटन बदांयू में किया.

इस अवसर पर केंद्रीय पैट्रोलियम और प्राकृतिक गैस एवं श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली, आंवला के सांसद धर्मेंद्र कश्यप, दातागंज के विधायक राजीव कुमार सिंह, बदायूं सदर के विधायक महेश चंद्र गुप्ता और एमओपीएनजी और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, जिस में एचपीसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और एचपीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, उपस्थित थे.

इस सीबीजी संयंत्र का उद्घाटन भारत सरकार के आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने पर जोर देने के अनुरूप है. राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के हिस्से के रूप में, यह पहल दूसरी पीढ़ी (2जी) के जैव तेलशोधक कारखानों और संपीड़ित जैव गैस संयंत्रों पर ध्यान देने के साथ आयात निर्भरता को 10 फीसदी तक कम करने के सरकार के लक्ष्य में योगदान देती है.

केंद्रीय पैट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उत्पादन स्थिर होने पर बदांयू में सीबीजी संयंत्र 17,500-20,000 एकड़ खेतों में पराली जलाने की समस्या को कम करने में मदद करेगा, जिस से सालाना 55,000 टन ब्व्2 उत्सर्जन में कमी आएगी और तकरीबन 100 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रूप से रोजगार और 1,000 लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पैदा होगा.

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