उदयपुर : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत लोयरा की महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक कपड़ों का डिजाइन व विकास और ग्राम ब्राह्मणों की हुंदर की महिलाओं के लिए अपशिष्ट फूलों का मूल्य संवर्धित उत्पादों में रूपांतरण पर 10 दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन 30 दिसंबर, 2024 से शुरू किया गया.

विगत 10 दिनों से प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं ने ब्लाउज, शर्ट, पैंट, कुरता, लहंगा, पेटीकोट, पटियाला सलवार इत्यादि कपड़ों के डिजाइन कर के कपड़े सिले. साथ ही, अपशिष्ट फूलों का उपयोग कर अगरबत्ती, धूपबत्ती, पौट पोरी, प्राकृतिक पौट, हर्बल हवन दीपक एवं खाद का प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त किया.

कार्यक्रम का समापन 9 जनवरी, 2025 को किया गया, जिस में मुख्य अतिथि प्रो. अरविंद कुमार वर्मा, निदेशक अनुसंधान निदेशालय रहे. उन्होंने कहा कि एक महिला के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होगा, सुदृढ़ होगा. ज्ञान से व्यक्ति में आत्मनिर्भरता आती है. हुनर चाहे सिलाई का हो या बच्चे पालने का, उस में महिलाओं का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए महिला शिक्षा पर बल दिया जाता है एवं कृषि क्षेत्र में भी महिलाओं का योगदान होने से आर्थिक विकास निश्चित रूप से होता है. कृषि के साथसाथ अन्य विधाओं में कौशल विकास से महिलाएं जीविकोपार्जन करने में सक्षम होती हैं.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सरपंच प्रियंका सुथार ने बताया कि महाविद्यालय से समयसमय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिस में  बीज वितरण, सिलाई, मूल्य संवर्धित उत्पाद, श्रम साध्य कृषि उपकरणों की जानकारी आदि महिलाओं में आत्मविश्वास जगाती हैं.

परियोजना समन्वयक डा. विशाखा बंसल ने बताया कि  भाकृअप के केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, सीवा, भुवनेश्वर द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत इस वर्ष 100 ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न विषयों पर कौशल विकास करने का लक्ष्य था. इस के अंतर्गत न्यूट्री स्मार्ट विलेज लोयरा की 30 महिलाओं को, मदार की 20 महिलाओं को, ब्राह्मणों की हुंदर की 40 महिलाओं को एवं थूर की 28 महिलाओं को विभिन्न विधाओं में अब तक प्रशिक्षण दिया जा चुका है. साथ ही, विभिन्न शोध के परिणामों के आधार पर महिलाओं को समयसमय पर प्रशिक्षण दिया जाता है.

कार्यक्रम में प्रो. हेमू राठोड़, डा. विशाखा सिंह, डा. सुमित्रा मीणा उपस्थित रही. कार्यक्रम का संचालन डा. कुसुम शर्मा, यंग प्रोफेशनल द्वारा किया गया. कार्यक्रम में मुख्य भूमिका सिखाने वाले मास्टर ट्रेनर रवि मितवा और अनुष्का तिवारी की रही. परियोजना द्वारा विगत 10 दिवस में  70 ग्रामीण महिलाओं का कौशल विकास किया गया.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...