नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम की दिल्ली में शुरुआत की. उन्होंने कहा कि मैं ने पहले भी कहा है कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. पिछली बार जब मैं 100 दिन की उपलब्धियों की चर्चा कर रहा था, तब यह तय किया था कि हर मंगलवार को किसान या किसान संगठनों से मिलने का क्रम प्रारंभ करूंगा, क्योंकि कई बार औफिस में बैठ कर समस्याएं समझ में नहीं आती हैं. जिन की समस्याएं हैं, उन से सीधे संवाद करना, चर्चा करना और कोई विषय आए, तो उस का समाधान करना यह हमारा कर्तव्य है. संवाद के दौरान कृषि मंत्रालय व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अधिकारी भी शामिल थे.

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए लगातार काम हो रहा है. कृषि जगत से जुड़ी अनेक योजनाएं पिछले 10 वर्षों में लागू की गई हैं और ये क्रम जारी है. सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में अभी तक 7 बड़ी योजनाएं मंजूर की गई हैं. इन योजनाओं पर केंद्र सरकार 15,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी, जिस से किसानों को लाभ मिलेगा.

डिजिटल कृषि मिशन के लिए 2817 करोड़ रुपए दिए जाएंगे और टैक्नोलौजी द्वारा कृषि सुधार जारी रहेंगे. किसानों व देश हित में फैसले लिए जा रहे हैं, किसानों के साथ मिलबैठ कर उन की समस्याओं के समाधान का प्रयास जारी है. पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम आशा) 35,000 करोड़ रुपए के साथ जारी रखना मंजूर किया है.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं ने पिछले दिनों अलगअलग किसान संगठनों से बात की है. लगभग 50 किसान नेताओं से भेंट की, उन के अनेकों सुझाव हमें मिले हैं, उन में कुछ फसलों के मूल्य से संबंधित हैं और कुछ फसल बीमा योजना के बारे में हैं. कुछ सुझाव आवारा पशुओं की समस्या और उन के कारण होने वाले नुकसान के बारे में भी है. नई फसल आने पर कौन सी फैसले होनी चाहिए, उस के बारे में भी अनेक सुझाव आए हैं.

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ बैठ कर सभी सुझावों पर तत्काल गंभीरतापूर्वक से वर्कआउट करेंगे और वर्कआउट कर के जो हो सकता है वह करने का पूरा प्रयत्न करेंगे. किसानों की भलाई, उन के उत्थान के लिए हम कोई कोरकसर नहीं छोड़ेंगे. सौहार्दपूर्ण माहौल में किसान संगठनों से चर्चा हुई है और मोदी सरकार के कई निर्णयों की किसानों ने प्रशंसा की है.

उन्होंने कहा कि पाम औयल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा कर 27.5 फीसदी इफेक्टिव हो गई, बासमती से मिनिमम ऐक्सपोर्ट प्राइस हटाई है, प्याज के निर्यात के लिए ऐक्सपोर्ट ड्यूटी 40 फीसदी से घटा कर 20 फीसदी की गई, वैसे ही तुअर, उड़द और मसूर सरकार पूरी खरीदेगी आदि हाल ही में लिए गए कई फैसलों की किसानों ने प्रशंसा की.

मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान से जो संवाद हम ने प्रारंभ किया है, वह सब के मन को भाया है. यह संवाद लगातार जारी रहेगा. हमारे अपने किसानों से हम बात भी करेंगे और उन की समस्याओं का ईमानदारी से समाधान करने का प्रयास भी करेंगे.

उन्होंने पराली प्रबंधन को ले कर कहा कि कई अनुसंधान हुए हैं, मशीनें भी बनी हैं, किसानों को पराली जलानी नहीं पड़ेगी, काट कर पराली का वेस्ट, वेस्ट नहीं वेल्थ बन जाता है. उस का भी हम बेहतर उपयोग करेंगे, अवेयरनेस क्रिएट कर किसानों को समझाने की कोशिश करेंगे.

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