उत्तर प्रदेश से औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसान और फार्मर प्रोड्यूसर कंपनियों के सदस्य स्वयं के यात्रा व्यय पर इस 2 दिन की ट्रेनिंग में हिस्सा ले सकते हैं.

इस ट्रेनिंग में शामिल होने वाले किसानों और एफपीओ प्रतिनिधियों के रहने और खाने की व्यवस्था राज्य औषधीय पादप परिषद द्वारा वहन किया जाएगा. राज्य औषधीय पादप परिषद, रहमान खेड़ा, लखनऊ के निदेशक एवं नोडल अधिकारी डाक्टर पंकज त्रिपाठी ने इस की जानकारी देते हुए बताया कि इच्छुक किसान और एफपीओ के प्रतिनिधि अपना नाम, मोबाइल नंबर, पता एवं ईमेल एड्रेस 10 अप्रैल, 2023 तक राज्य कृषि प्रबंध संस्थान, रहमान खेड़ा, लखनऊ के ईमेल smpb.up.in@gmail पर प्रेषित कर सकते हैं.

उन्होंने आगे बताया कि राज्य औषधीय पादप परिषद, रहमान खेड़ा, लखनऊ, राष्ट्रीय औषधीय पादप परिषद, आयुष मंत्रालय, नई दिल्ली के अधीन कार्यरत है, जो किसानों और युवा कृषि उद्यमियों सहित सभी वर्गों को औषधीय पौधों एवं फसलों के विषय में जागरूकता, शोध, कृषिकरण, प्रसंस्करण एवं व्यवसाय के लिए परिषद के माध्यम से एक आयुष – उपवन, कुछ महत्वपूर्ण फसलों की पौध सामग्री, प्रक्षेत्र प्रदर्शन, आसवन इकाई इत्यादि के माध्यम से सशक्तीकरण का कार्य करता है.

उन्होंने आगे बताया कि इस ट्रेनिंग में औषधीय खेती के जरीए किसानों की आजीविका के बेहतर उपायों पर जानकारी दी जाएगी. औषधीय खेती करने की विधि, उपज के बाद उस के लिए बाजार में उपलब्ध विकल्प के बारे में जानकारी दी जाएगी. ट्रेनिंग में कालमेघ आदि और सगंधीय पौधे जैसे मेंथा, लेमनग्रास, पामारोजा, सिट्रोनेला, सफेद मूसली, सतावरी, अश्वगंधा, सर्पगंधा, गुलाब, जामा रोजा, गेंदा आदि की खेती की तकनीक, प्रसंस्करण और मार्केटिंग के बारे में किसानों को कृषि एक्सपर्ट जानकारी देंगे.

इस के साथ ही गुणवत्तायुक्त पौध रोपण सामग्री का उत्पादन एवं आपूर्ति, प्रसंस्करण, गुणवत्ता परीक्षण, प्रमाणन, भंडारण और आयुष उद्योग की मांगों को पूरा करने और मूल्यवर्धित वस्तुओं की निर्यात तकनीकी पर भी प्रतिभागियों को जानकारी दी जाएगी.

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