इंदौर : इंदौर जिले के गांवों में मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित किए गए महिला स्वसहायता समूहों के सदस्यों का निरंतर क्षमतावर्धन व सशक्तीकरण का काम किया जा रहा है. जिले में पूर्व में पशुपालन विभाग व नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड आनंद, गुजरात के सहयोग से 49 महिला समूह सदस्यों को ए-हेल्प (A-Help) पशु सखी का प्रशिक्षण दिया गया था.

उपरोक्त प्रशिक्षण के उपरांत यह महिला समूह सदस्य गांवों में पशु चिकित्सक को आवश्यक सहयोग करने व स्थानीय स्तर पर पुशधन के शुरुआती इलाज के लिए दक्ष है.

गांवों में पशुपालकों को त्वरित सहायता उपलब्ध हो सके व पशु चिकित्सा विभाग से और अधिक समन्वय के उद्देश्य से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिद्धार्थ जैन के दिशानिर्देशानुसार समूह द्वारा संचालित देवी अहिल्या सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में 10 सितंबर को एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में पशुपालन विभाग के उपसंचालक डा. शशांक जुमड़े व अन्य विभागीय चिकित्सकों द्वारा उपस्थित रह कर पशु सखियों को विभागीय योजनाओं को ग्राम स्तर पर संचालित पशु चिकित्सकों की विस्तार से जानकारी दी गई.

उपसंचालक डा. शशांक जुमड़े ने पशु चिकित्सा द्वारा पशु सखियों को अवगत कराया कि विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर पशुधन में सालाना किए जाने वाले टीकाकरण, डीवर्मिंग व अन्य कार्यक्रमों की जानकारी दी. पशु सखियां इन आयोजनों से जुड़ कर किस तरह गांव लैवल पर अपनी सेवाएं दे सकती हैं के बारे में बताया गया. साथ ही, भविष्य में शुरू होने वाली पंचवर्षीय पशु गणना के बारे में जानकारी दे कर पशु सखियों को मार्गदर्शित किया गया.

कार्यशाला में जिला परियोजना प्रबंधक, आजीविका मिशन द्वारा समूह से जुड़ कर समूह सदस्यों द्वारा की जा रही गतिविधियों व किस तरह पशु सखी के रूप में सेवाएं दे कर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सकती है के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया.

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